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लड़कियों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर हम उनकी तस्वीरें प्रकाशित नहीं कर रहे हैं। |
Anup Mahto/ Silli (Ranchi) : तमिलनाडु के त्रिपुर जिले में हिंदीभाषियों खासकर बिहार-झारखंड के मजदूरों के साथ हो रही हिंसा और सोशल मीडिया पर डाले जा रहे घटना के वीडियो से वहां काम कर रहीं झारखंड की बेटियां डरी-सहमी हुई हैं। रांची जिले के सिल्ली प्रखंड के बूढ़ाबहेरा गांव की रहनेवाली बबीता कुमारी ने त्रिपुर (Tripur, Tamilnadu) से हमारे संवाददाता को फोन करके अपनी आपबीती बताई। साथ ही, उसने झारखंड सरकार और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मदद की गुहार लगाई। बबीता ने बताया कि वह त्रिपुर में एशियन नाम की रेडिमेड कपड़ा बनानेवाली एक कंपनी में सिलाई का काम करती है। यहां उसके साथ झारखंड की कई लड़कियां हैं। बबीता ने बताया कि यहां माहौल काफी खराब है। हिंदीभाषी लोगों के साथ कुछ स्थानीय लोग मारपीट कर रहे हैं। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। बाहर से यहां काम करने आनेवाले लोग भी रोज-रोज नई-नई घटना के बारे में बताते हैं। उनकी बातें सुनकर और वीडियो देखकर हमलोग बहुत डरे हुए हैं। हमलोग वापस अपने गांव लौटना चाहते हैं।
फैक्ट्री से बाहर नहीं निकलने दिया जा रहा
बबीता ने बताया कि यहां उसके साथ सिल्ली के बूढ़ाबहेरा गांव की ही बसंती कुमारी, पूजा कुमारी और सोनाली कुमारी भी रहती है। हमलोग वापस अपने गांव लौटना चाहते हैं, लेकिन कंपनी के लोग हमें बाहर नहीं निकलने दे रहे हैं। वे लोग कहते हैं कि बाहर गाड़ी-घोड़ा नहीं चल रहा है, इसलिए तुमलोगों को फैक्ट्री से बाहर नहीं जाने दिया जाएगा। वैसे भी हमलोगों को फैक्ट्री से बाहर नहीं निकलने दिया जाता है।
वीडियो में साफ दिख रहा किस तरह हो रहे हमले
बबीता ने हमारे संवाददाता को तीन वीडियो वाट्सएप के जरिए भेजे हैं। इनमें से दो तो पुराने हैं, लेकिन एक वीडियो को बबीता नया वीडियो बता रही है, जिसे हम आपके साथ शेयर कर रहे हैं।
Jharkhand's daughters stuck in Tamil Nadu appeal, Chief Minister please take us to our village
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