सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सीबीआई-ईडी की जांच के खिलाफ 14 विपक्षी दलों की ओर से दायर याचिका सुनवाई के बाद खारिज कर दी। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान विपक्षी दलों से पूछा कि क्या नेताओं को यह विशेषाधिकार प्राप्त होना चाहिए कि उनके खिलाफ किसी तरह की जांच न हो? यदि वे यह चाहते हैं, तो यह काम विधायिका का है। ऐसा करने से देश के आम नागरिकों में गलत संदेश जाएगा। इसके बाद कोर्ट ने यह याचिका खारिज कर दी। याचिका खारिज होने के बाद विपक्षी दलों के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने याचिका वापस ले ली। यह विपक्षी दलों के लिए बहुत बड़ा झटका और केंद्र सरकार के लिए बड़ी जीत मानी जा रही है।
क्या थी विपक्षी दलों की याचिका में
14 विपक्षी दलों ने मिलकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी कि विपक्षी दलों के नेताओं के खिलाफ केंद्र सरकार सीबीआई -ईडी को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है। बदले की भावना से विपक्षी दलों के नेताओं के खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसियों को लगा कर उन्हें परेशान किया जा रहा है, इसलिए इस तरह की जांच पर कोर्ट तत्काल रोक लगाए। साथ ही, इस याचिका में सुप्रीम कोर्ट से यह भी गुहार लगाई गई थी कि सात साल के कम सजा होने पर किसी सांसद या विधायक को गिरफ्तार न किया जाए।
याचिका दायर करने में कौन-कौन दल थे शामिल
कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, डीएमके, सीपीआई, सीपीएम, जदयू, झामुमो समेत 14 दल।
Big blow to opposition parties: Supreme Court dismisses petition filed against ED-CBI probe, know what the court said New Delhi India
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