प्रशिक्षण शिविर में शामिल किसान। |
Namkum (Ranchi): भारतीय कृृषि जैवप्रौद्योगिकी संस्थान (ICAR-IIAB) गढ़खटंगा ने रविवार को आदिवासी किसानों के लिए कुक्कुट पालन प्रशिक्षण सह कुक्कुट वितरण शिविर लगाया। यह आयोजन भारत सरकार की अनुसूचित जनजाति घटक (STC) के तहत किया गया। खूंटी जिले के मुरहू और खूंटी प्रखंड के अन्तर्गत छोटा बारू और ओतोंग ओरा में रहने वाले 152 प्रांतिक किसान परिवारों को 10 कड़कनाथ चूजे और पोल्ट्री फीड दी गई। किसानों को पोल्ट्री यूनिट के प्रबंधन, विशेष रूप से इसकी स्वास्थ्य रक्षा और रोग निवारण के लिए जानकारी दी गई। यह कार्यक्रम सिनी टाटा ट्रस्ट और नव भारत जागृति केंद्र के सहयोग से आयोजित किया गया था। मौके पर आईसीएआर-आईआईएबी के प्रधान वैज्ञानिक डाॅ. सौमेन नस्कर ने बताया कि कड़कनाथ एक भारतीय पोल्ट्री की नस्ल है, जो काली मसिके नाम से भी जानी जाती है। मुर्गे का वजन दो किलो तक और मुर्गियों का वजन 1.5 किलो तक होता है। इनके अंडे भूरे रंग के होते हैं। इसकी व्यापक लोकप्रियता के कारण इसका मांस काफी महंगा बिकता है और यह किसानों की आय को बढ़ाने में मदद करेगा। सिनी टाटा ट्रस्ट की ओर से सोमनाथ दास और नवभारत जागृति केंद्र के मोहित पूर्ती और उनकी टीम ने आयोज में सहयोग दिया।
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