GA4-314340326 सिल्ली विधायक सुदेश कुमार महतो बोले आदिवासी समाज के हर संघर्ष में शामिल

सिल्ली विधायक सुदेश कुमार महतो बोले आदिवासी समाज के हर संघर्ष में शामिल

 

सरना प्रार्थना सभा में शामिल सुदेश कुमार महतो
angara(ranchi) राजाडेरा के खिजरीटोली में बुधवार को आदिवासी विकास सरना प्रार्थना सभा के 19वां झंडा बदली समारोह का आयोजन हुआ। इसमें मुख्य अतिथि पूर्व उपमुख्यमंत्री सिल्ली विधायक सुदेश कुमार महतो, विशिष्ट अतिथि खिजरी विधायक राजेश कच्छप, जिला परिषद की अध्यक्ष निर्मला भगत, आजसू पार्टी के केन्द्रीय प्रवक्ता डा. देवशरण भगत व अतिथि के रूप में जिला परिषद सदस्य राजेन्द्र शाही मुण्डा, अनगड़ा प्रमुख दीपा उरांव, आजसू नेता प्रकाश लकड़ा थे। सरना विधि से पूजा कर पुराना झंडा की जगह नया झंडा लगाया गया। कार्यक्रम में रांची, रामगढ़, लोहरदगा, पुरूलिया सहित अनेक जगहों से काफी संख्या में सरना समाज के लोग पहुंचे। सरना समाज के लोगों ने देश व समाज के कल्याण व सुख शांति के लिए प्रार्थना की। कार्यक्रम का नेतृत्व आजसू नेता पारसनाथ उरांव ने की। इस मौके पर मुखिया हिरदू उरांव, मुखिया सीमा देवी, विधायक प्रतिनिधि राजेन्द्र मुंडा, पूर्व मुखिया संध्या बांडो, जलनाथ चौधरी, जगरनाथ महतो, धर्ममाता चारी उरांव, मंटू उरांव, बैजनाथ उरांव, हरखू मुंडा, विनोद उरांव, मदन बेदिया, भजन बेदिया, प्रेम उरांव, सुनीता उरांव, सुकरमनी उरांव, सरिता उरांव सहित अन्य उपस्थित थे।  

                         दिल्ली तक पहुंचाया जाएगा आदिवासी समाज की बातें: सुदेश कुमार महतो

अपने विचार रखते सुदेश कुमार महतो
सुदेश कुमार महतो ने कहा कि आदिवासी समाज के सभी संघर्ष में वे शामिल रहेंगे। शिक्षा के बगैर आदिवासी समाज का सर्वांगीण विकास नहीं हो सकता है। समाज के संस्कृति व परंपरा लिपिबद्ध नहीं है, हम इसे खुद लिपिबद्ध कर रहे है। सुदेश ने कहा कि प्रकृति के मूल रूप में आदिवासी समाज ही स्थित है। उन्होंने कहा कि समाज में एकजुटता आवश्यक है। दिल्ली तक आदिवासी समाज की बातों को पहुंचाया जायेगा। कहा कि धर्म कोड के लिए एक कोमन प्लेटफार्म बनाया जाये। सकरात्मक प्रयास के साथ कार्य को करना होगा। खिजरी विधायक राजेश कच्छप ने कहा कि आदिवासी समाज व प्रकृति के बीच अन्योनाश्रय संबंध है। हाल के समय में आदिवासी समाज में अपने धर्म व संस्कृति को लेकर जागरूकता आई है। प्रकृति का पूजा वास्तव में प्रकृति का संरक्षण है। 

                    खिजरीटोली गांव..19 सालों से लगा है धर्मांतरण रोकने में, एक परिवार की हुई घर वापसी। 

ईसाई धर्म छाेड़कर घर वापसी करनेवाला दंपति
क्षेत्र में चल रही धर्मांतरण की गतिविधि पर अंकुश लगाने के उददेश्य से 12 अप्रैल 2004 में सरना प्रार्थना सभा की स्थापना की गई थी। सभा की स्थापना में माता चारी उरांव, युवा समाजसेवी पारसनाथ उरांव, बैजनाथ उरांव, बंधु उरांव, मंटू उरांव, शशि कच्छप, हरखू मुण्डा का उल्लेखनीय योगदान रहा है। पारसनाथ उरांव बताते है  जब से प्रार्थना सभा शुरू हुई है धर्म परिर्वतन की गतिविधियों में काफी कमी आई है। सरना समाज में आई जागरूकता का ही देन है कि आज एक परिवार ने घर वापसी की। चार दशक पूर्व इस परिवार ने धर्म परिर्वतन कर लिया था। एक ईसाई परिवार के तीन सदस्यों रंजन कच्छप, उसकी पत्नी मंगरी मुण्डा व तीन साल की पुत्री रिया कच्छप ने सरना में पूजा करके घर वापसी की। इसके अलावा प्रार्थना सभा के माध्यम से सरना समाज की मजबूती व जल जंगल जमीन की रक्षा का प्रयास किया जा रहा है। पासरनाथ बताते है सदस्यों की सक्रियता के कारण ही इस क्षेत्र में वनों की हरियाली बढ़ी है।                      
दान से जमा धन का उपयोग अनाथ बच्चों की शिक्षा, श्राद्धकर्म व बीमारी में लोगों को दी जाती मदद।  
सरना प्रार्थना सभा के कार्यक्रम में मंचासीन अतिथि
प्रत्येक गुरूवार को प्रार्थना सभा से दान स्वरूप संग्रहित धन का उपयोग समाज के लोगों की बिमारी, अनाथ बच्चों की शिक्षा व जरूरतमंद परिवारों के श्राद्धकर्म के लिए खर्च किया जाता है। माता चारी उरांव बताती है पिछले एक दशक से आसपास के अनाथ आदिवासी समाज के बच्चों को सरना प्रार्थना सभा के खर्च पर मैट्रिक तक की शिक्षा कराई जा रही है। ऐसे 19 बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। समाज के इस व्यवस्था से सिल्ली विधायक सुदेश कुमार महतो काफी प्रभावित हुए। मौके पर ही इन्होंने घोषणा कर दिये की अब से ये 19 बच्चों की शिक्षा का पूरा खर्च वे देंगे। 

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