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मृतका प्रेमिका मंजू कुमारी |
Angara (Ranchi) अनगड़ा थाना क्षेत्र के कानकट्टा पांडु टुंगरी जंगल में
27 अप्रैल को मिली अज्ञात युवती के शव की शिनाख्त शनिवार को हो गई है। युवती की पहचान
खलारी थाना क्षेत्र के राय बस्ती निवासी भिखू मह्तो की पुत्री मंजू कुमारी के रुप में
की गई है। हत्या मृतका का प्रेमी सिरकाटोली सताकी निवासी पशुपति महतो ने की। इधर अनगड़ा
थाना की पुलिस ने शनिवार को आरोपित को गिरफ्तार कर लिया। उसके घर से हत्या में प्रयुक्त
टांगी को बरामद किया गया। प्रेमी-युगल बेंगलूरू में अलग-अलग जगहों पर काम करते थे और
लिव इन रिलेशन में था। आरोपित पशुपति मशीन ओपरेटर का काम करता है, जबकि युवती मंजू
सिलाई सेंटर में काम करती थी। बेंगलोर में ही पशुपति ने अपने घर में प्रेमिका के मांग
में सिंदूर भर दिया था। प्रेमी पशुपति महतो ने शव को एक बोरा में बंद कर घर से दो किमी दूर कानकट्टा पांडु टुंगरी जंगल में फेंका
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हत्यारोपी प्रेमी पशुपति महतो |
26 अप्रैल को युवती प्रेमी के घर सताकी पहुंचकर शादी का दबाब बनाने
लगी। इस बात से नाराज होकर पशुपति ने टांगी से प्रहार कर उसको मौत के घाट उतार दिया।
हत्या करने से पूर्व पशुपति महतो ने अपनी प्रेमिका के साथ शारीरिक संबंध बनाया। इसके
बाद टांगी से गला में प्रहार कर हत्या कर दी। रात में ही मंजू के शव को एक बोरा में
बंद कर घर से दो किमी दूर कानकट्टा पांडु टुंगरी जंगल में फेंक दिया। शव को कंधा में
लादकर ले गया। पशुपति ने मृतका के चेहरे पर टांगी से कई वार किया जिससे उसकी पहचान
नही हो सके।प्रेमिका मंजू के बायां हाथ में अंग्रेजी में लिखा “मा” शब्द से शिनाख्त।
मृतका के बायां हाथ में अंग्रेजी में लिखा “मा” शब्द से उसकी शिनाख्त
हो पाया। मामला वायरल होते ही मृतका के भाई दिनेश महतो ने अनगड़ा थाना प्रभारी ब्रजेश
कुमार से संपर्क किया। दिनेश ने थानेदार से पूछा कि मा शब्द के बार अगर दो डाट है तो
मेरी बहन है। पुष्टि होने के बाद दिनेश शुक्रवार की दोपहर में अपनी एक अन्य बहन के
साथ अनगड़ा थाना पहुंचा। शव की शिनाख्त की। शव की पहचान होते ही अनगड़ा थाना पुलिस रेस
हो गई। वरीय अधिकारियों के निर्देश पर एक टीम गठित की गई। टेकनिकल सेल के सहारे आरोपित
को पकड़ा गया।
पहले शारीरिक संबंध बनाया, शादी का दबाव बनाया तो गला काट दिया
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प्रेमी युगल मंजू व पशुपति |
पिछले एक पखवाड़े से प्रेमिका मंजू कुमारी अपने प्रेमी का घर ढूंढ
रही थी। बेंगलोर में रहने के दौरान दोनों लिन-इन रिलेशन में तो जरूर थे। लेकिन पशुपति
ने अपना पता तमाड़-बुंडू बताया था। सरहुल के समय पशुपति बेंगलोर से गांव पहुंचा और अपनी
शादी अन्यत्र करने की तैयारी करने लगा। इसकी सूचना मंजू को मिल गई। वह पशुपति के खोज
में रांची पहुंची और अपने प्रेमी को खोजने लगी। गलत पता की जानकारी होने के कारण वह
पशुपति को नही ढूंढ पाई। इसके बाद मंजू फिर से अपने प्रेमी का पता की जानकारी लेने
बेंगलोर पहुंची। और पशुपति के कार्यस्थल से पता लेकर 26 अप्रैल की रात दस बजे के आसपास
सताकी गांव पहुंची। यहां पर मंजू ने पशुपति महतो द्वारा अन्यत्र शादी किये जाने का
विरोध किया और शादी करने के लिए दबाव डालने लगी। इससे परेशान पशुपति ने मंजू को ठिकाने
लगाने का मन बना लिया। हत्या करने से पूर्व उसके साथ शारीरिक संबंध बनाया और टांगी
से प्रहार कर मंजू की हत्या कर दी।
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