GA4-314340326 बीएयू में नियुक्ति प्रक्रिया पर लगी रोक हटाने को लेकर कृषि मंत्री से मिले आकस्मिक श्रमिकों के प्रतिनिधि

बीएयू में नियुक्ति प्रक्रिया पर लगी रोक हटाने को लेकर कृषि मंत्री से मिले आकस्मिक श्रमिकों के प्रतिनिधि

KANKE (Ranchi) । बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) में 134 चतुर्थ वर्गीय पदों पर चल रही नियुक्ति प्रक्रिया पर कृषि मंत्री द्वारा लगाई गई रोक को समाप्त करने की मांग को लेकर बुधवार को झारखंड कर्मचारी मजदूर संघ के पदाधिकारियों ने मंत्री बादल पत्रलेख से मुलाकात की। अध्यक्ष माधुरी लकड़ा तथा सचिव नेयामत अंसारी के नेतृत्व में गए संघ के पदाधिकारियों ने मंत्री से आग्रह किया कि नियुक्ति प्रक्रिया पर उनके स्तर से लगाई गई रोक को अविलंब हटाते हुए विश्वविद्यालय को बहाली करने का आदेश शीघ्र निर्गत किया जाए। उन्होंने कृषि मंत्री को बताया कि विश्वविद्यालय में 773 सत्यापित आकस्मिक श्रमिक विगत कई वर्षों से कार्यरत हैं। नियुक्ति प्रक्रिया के माध्यम से इनको बहाल करने का अवसर विश्वविद्यालय प्रशासन के पास है। बताया कि नियुक्ति प्रक्रिया में कथित तौर पर गड़बड़ी की जो बात कृषि मंत्री को बताई गई है वह बिल्कुल गलत है। कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि उनके पास कुछ कैजुअल कर्मी ही आए थे तथा गड़बड़ी की शिकायत की थी। संघ के आग्रह पर कृषि मंत्री ने जल्द ही रोक को हटाने के संबंध में आदेश विश्वविद्यालय प्रशासन को भेजने का आश्वासन दिया। बताते चलें नियुक्ति पर रोक लगाए जाने से आकस्मिक श्रमिकों में गहरा रोष व्याप्त है। हालांकि खुली नियुक्ति प्रक्रिया आरंभ किए जाने के बाद बाहर से इन पदों पर बहाली के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों को विश्वविद्यालय प्रशासन किस प्रकार अलग रखेगा यह भी उनके समक्ष एक बड़ी चुनौती है। वहीं कैजुअल कर्मियों में लगभग 80 फीसदी मैट्रिक पास नहीं हैं। इसके अलावा कृषि विज्ञान केंद्रों के विभिन्न पदों पर भी विश्वविद्यालय प्रशासन अपने स्तर पर बहाली कर रहा था। उन पदों पर भी चल रही नियुक्ति प्रक्रिया को रोक दिया गया है। कृषि विभाग ने बीएयू प्रशासन से नियुक्ति नियमावली उपलब्ध कराने को कहा था। बताते चलें फिलहाल विश्वविद्यालय प्रशासन से तृतीय वर्ग और उसके ऊपर के पदों पर नियुक्ति का अधिकार वापस लेकर झारखंड स्टाफ सिलेक्शन कमीशन को तथा जेपीएससी को दिया जा चुका है। हालांकि बीएयू प्रशासन कृषि विज्ञान केंद्रों को शत प्रतिशत केंद्र संपोषित बताकर अपने स्तर पर बहाली करने पर आमादा है। इसको लेकर भी एक बड़ा गतिरोध बना हुआ है। लेकिन इन सबके बीच बिरसा कृषि विश्वविद्यालय और इसके तहत संचालित 11 कालेजों तथा 16 कृषि विज्ञान केंद्रों के 70 से 80 फ़ीसदी पद रिक्त पड़े हुए हैं। यह बताना महत्वपूर्ण होगा कि पूरे देश भर में अन्य सभी राज्य के कृषि विश्वविद्यालयों को नियुक्ति करने का पूर्ण अधिकार है। किंतु बीएयू से यह अधिकार राज्य सरकार ने वर्ष 2014 में ही वापस ले लिया था। जबकि यह ऑटोनॉमस यूनिवर्सिटी है। वहीं जेपीएससी तथा झारखंड स्टाफ सिलेक्शन कमीशन लगभग आठ से नौ वर्ष बाद भी इन स्वीकृत रिक्त पदों पर बहाली करने में नाकाम रहा है।

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