KANKE(Ranchi)। रांची कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र के समक्ष कदमा विस्थापित संघर्ष समिति का अनिश्चित कालीन धरना छठवें दिन गुरुवार को भी जारी रहा। अपनी विभिन्न मांगों को लेकर 13 मई से समिति के पदाधिकारीगण और ग्रामीण अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ रहे हैं। गुरुवार को पूर्व जिला परिषद सदस्य सह भाजपा कार्यकारिणी सदस्य अनिल टाईगर ने धरनास्थल पर पहुंच कर समिति और ग्रामीणों की मांगों का समर्थन किया। कहा कि अस्पताल प्रबंधन के अपने अड़ियल रवैए के कारण आज विस्थापित एवं स्थानीय युवाओं को धरने पर बैठना पड़ रहा है। चेतावनी दी कि यही रवैया रहने पर मजबूर होकर इन हॉस्पिटल के पदाधिकारियों को अंदर घुसने नहीं दिया जाएगा। इसके बाद भी अगर प्रशासन मांगों को नहीं मानता है तो आसपास के सभी गांवों के युवा मिलकर अस्पताल के गेट पर ताला जड़ने का काम करेंगे। इसके लिए पूरी तरह से अस्पताल प्रबंधन जिम्मेवार होगा।
समिति की मांगों में टाटा ट्रस्ट के उच्च पदाधिकारियों और समिति के पदाधिकारियों के बीच हुए लिखित समझौते के अनुसार स्थानीय एवं विस्थापितों को तृतीय और चतुर्थ पदों पर 90 फीसदी नौकरी देना, स्थानीय बेरोजगार युवाओं को स्वास्थ्य के क्षेत्र में प्रशिक्षण देना, नियुक्ति प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए स्थानीय दैनिक अखबारों में विज्ञापन प्रकाशित करना, तालाब जहां ग्रामीण आदिवासी परंपरा के अनुसार जितिया का विसर्जन आदि करते हैं को मुक्त करना, नियुक्ति के इंटरव्यू बोर्ड में समिति द्वारा नामित एक सदस्य को शामिल करना, स्थानीय ठेकेदारों को कार्य में प्राथमिकता देना, विस्थापित एवं स्थानीय कैंसर रोगियों का इलाज मुफ्त में करना आदि शामिल है। धरना में राजेंद्र महतो, राजकुमार महतो सहित दर्जनों लोग शामिल थे।
रांची कैंसर हॉस्पिटल के समक्ष धरना जारी
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