Ratu (Ranchi): श्रीराम का नाम लेने का अधिकार उन्हीं को है, जो प्रभु श्रीराम का काम करते हैं। उक्त बातें गुरुवार को रातू किला मैदान में श्रीराम कथा यज्ञ सह लक्ष्मी नारायण महायज्ञ के चौथे दिन सैकड़ों श्रद्धालुओं को श्रीराम कथा सुनाते हुए गोपालमणि महाराज ने कहीं। महाराजजी ने कहा कि रामायण मे कितना मार्मिक दृश्य है। जब लक्ष्मण भैया कुटिया में श्री राम पैर दबाते हैं। उस कुटिया को गाय का गोबर से लीप कर बनाया गया था। आज सनातन धर्म को जगाने के लिए गौ कथा का विशेष महत्व है। हर सनातनी को गौ सेवा करनी चाहिए। गौ के पुंछ से बैकुंठ धाम पहुंचा जा सकता है। श्री राम कथा के साथ साथ गौ कथा का भी श्रद्धालूओं ने भी रसपान किया। वहीं दूसरी ओर, श्रीलक्ष्मी नारायण महायज्ञ में परिक्रमा करने वालों की भीड़ उमड़ पड़ी। सुबह से ही श्रद्धालु जय श्रीराम के जयकारों के साथ परिक्रमा कर रहे थे। आचार्य अनिल पाठक ने विधि-विधान पूर्वक श्रीलक्ष्मी नारायण महायज्ञ में पूजा-अर्चना कराई।
यज्ञ के सफल संचालन में जुटी है समिति
श्रीराम कथा यज्ञ को सफल बनाने में श्रीराम कथा समिति के अध्यक्ष संजय साहू, सचिव अम्बिका प्रसाद कोषाध्यक्ष संजय गुप्ता, अरुण गुप्ता, राजीव प्रसाद, सुखदेव प्रसाद, सुरेश गुप्ता, मंटू साहू, राणा सिंह, जेनू पांडेय, संजय मिश्रा, विजय सोनू, गुड्डू प्रसाद, संजय सिंह, मनोज सिंह, अनिल ठाकुर, सुबोध साहू , हजारी प्रसाद, राजमन साहू, पंकज साहू, पंकज दुबे, शरण सिंह, काजल सोनी, तारकेश्वर केशरी सहित दर्जनों की संख्या में कार्यकर्ता शामिल थे।
Do Ram's work, then take Ram's name: Gopalmani Maharaj
إرسال تعليق
please do not enter any spam link in the comment box.