GA4-314340326 सिल्ली के नावाडीह में पानी को लेकर हुए विवाद पर लोहरा व महतो समाज की हुईं अलग-अलग बैठकें, जानिए क्या हुआ निर्णय

सिल्ली के नावाडीह में पानी को लेकर हुए विवाद पर लोहरा व महतो समाज की हुईं अलग-अलग बैठकें, जानिए क्या हुआ निर्णय

महतो समाज के लोगों ने कहा- कोई भेदभाव नहीं, किसी भी जाति के लोग कुएं से भर सकते हैं पानी

महतो समाज की बैठक में शामिल लोग।

अनूप महतो/ Silli (Ranchi)

पिछले सप्ताहभर से सल्ली में महतो समाज द्वारा लोहरा समाज के लोगों को अपने कुएं से पानी नहीं भरने देने का मामला गरमाया हुआ है। दरअसल, इस मामले की शुरुआत रांची से प्रकाशित हिंदी अखबार 'प्रभात खबर' (Prabhat Khabar)  की एक रिपोर्ट से हुई। जिसमें बताया गया था कि प्रखंड के नावाडीह गांव में महतो समाज के लोगों ने अपने कुएं से लोहरा समाज के लोगों को पानी भरने नहीं दे रहे हैं। प्रभात खबर की इस खबर से हलचल मच गई। सोशल मीडिया पर इससे संबंधित खबरों की झड़ी लग गई। दूसरी ओर, यहां के लोगों का आरोप है कि अखबार ने मूल समस्या को नजरंदाज कर जाने-अंजाने समाज में जातीय विद्वेष फैलाने की कोशिश की। इस मुद्दे को लेकर बुधवार को नावाडीह गांव में दोनों समाज की अलग-अलग बैठकें हुईं। 

आदिवासी विकास परिषद अध्यक्ष।

यहां ग्राउंड लेवल पर कोई काम नहीं हुआ है 

लोहरा समाज की बैठक में अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद की रांची जिलाध्यक्ष ने कहा कि देश की आजादी के 75 वर्ष बाद भी रूढ़ीवादी सोच काफी निंदनीय और चिंता की बात है। यहां छोटी जाति लोगों के साथ छुआछूत की भावना सदियों से चली आ रही है। मैं यहां के पंचायत प्रतिनिधि और जनप्रतिनिधि की निंदा करती हूं। कितना दबाव के बाद जिला परिषद सदास्य वीणा देवी आई थीं। सिल्ली विधानसभा क्षेत्र में शिक्षा और जागरूकता का अभाव है। सुदेश महतो 20 साल से यहां के विधायक हैं। उप मुख्यमंत्री भी रहे हैं। इसके बावजूद यह स्थिति है। इसका मतलब है कि ग्राउंड लेवल कोई काम हुआ ही नहीं है। पैसे के बल पर वो चुनाव जीतते हैं। उन्होंने कहा कि महतो जाति के लोग आदिवासी बनाने की मांग करते हैं और आदिवासी के साथ भेदभाव कर रहे हैं।

गांव में भाईचारा बिगाड़ने की कोशिश हुई 

दूसरी ओर, महतो समाज के लोगों ने गांव के ही दुर्गा मंदिर परिसर में बैठक की। इसमें सभी ने इस मुद्दे पर अपना-अपना अपना विचार रखा। कहा- ऐसी कोई बात नहीं है। मीडिया वाले ने एक षड्यंत्र के तहत जाति और छुआछूत के नाम भेदभाव कर आपसी भाईचारे को बिगाड़ने का काम किया है। असल बात को लिखा ही नहीं है। यहां लोहरा जाति के मात्र दो परिवार हैं और गांव में जितने भी जाति के परिवार हैं सब मिलजुलकर एक साथ दुर्गापूजा करते हैं। लोहरा परिवार ने छठ पूजा की थी, तो महतो -मुंडा या प्रमाणित सभी जाति के लोग उससे प्रसाद ग्रहण किए थे। आंगनबाड़ी सेविका ने कहा कि लोहरा परिवार के 7 बच्चे यहां पढ़ने आते हैं, उन्हें अपने बच्चों की तरह खाना खिलाते हैं। उनकी जूठी थाली धोते हैं। छुआछूत और भेदभाव की कोई बात नहीं है। अखबार के रिपोर्टर ने बिना सोचे-समझे समाज को बांटने और उन्माद फैलाने के लिए यह खबर प्रकाशित की है। इस खबर से गांव के लोग परेशान हैं। एक युवक ने कहा कि बाहरी पत्रकार 60-40 की नीति से ध्यान भटकाने के लिए इस तरह की खबर प्रकाशित कर रहे हैं।

मुखिया सरिता सिंह मुंडा।

मुखिया बोलीं-बिना सोचे-समझे मीडिया वाले कुछ भी लिख देते हैं 

बैठक में पंचायत की मुखिया सरिता सिंह मुंडा ने कहा कि यहां के पत्रकार बिना सोचे-समझे कुछ भी लिख देते हैं, जिस अखबार में छुआछूत की खबर छपी है, उसी अखबार में एक और खबर छपी थी, जिसमें इस पंचायत के उप मुखिया त्रिलोचन महतो को बताया गया है, जबकि इस नाम का कोई उप मुखिया है ही नहीं। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि आज के बाद गांव में जितने भी कुएं हैं, सभी कुएं में सभी जाति के लोग भर सकते हैं पानी। ग्रामीणों ने बैठक में  निर्णय लिया कि बैठक में लिए गए निर्णय की कॉपी प्रखंड विकास पदाधिकारी सिल्ली को सौंपी जाएगी।

वीडियो में देखिए लोग क्या कह रहे... 






Separate meetings of Lohra and Mahato Samaj were held on the dispute regarding water in Nawadih, Silli, know what was the decision




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