अनूप महतो के साथ बात करते पूर्व विधायक अमित महतो |
Anup Mahto / Silli (Ranchi): रांची जिला अंतर्गत सोनाहातू अंचल के सीओ आलोक कुमार से मारपीट मामले में सिल्ली के पूर्व विधायक अमित महतो ने मंगलवार को अपर न्यायायुक्त पीके शर्मा की कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। कोर्ट ने उन्हें जेल भेज दिया। रांची के सेशन कोर्ट ने सोनाहातू कांड संख्या 42/2006 के मामले में दोषी करार देते हुए उन्हें दो साल की सजा सुनाई थी। यह सजा 23 मार्च 2018 को सुनाई गई थी। लेकिन, सजा दो साल होने के कारण अदालत ने उस समय हाईकोर्ट जाने के लिए जमानत दे दी थी। हाईकोर्ट ने बीते 3 मई को निचली अदालत से मिली दो साल की सजा को एक साल में बदल दिया था। सजा कम होने के बाद राहत तो मिली, लेकिन जेल जाने से नहीं बच सके। अब उन्हें इस सजा को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने के लिए सरेंडर करना पड़ा।
समर्थकों का हौसला और बढ़ेगा
सरेंडर करने से पहले अमित महतो ने रांची प्रेस क्लब (The Ranchi Press club) में नवभास्कर से विशेष बातचीत में कहा कि वे साजिश के शिकार हुए हैं। उन्हें साजिश के तहत सिल्ली से दूर रखने के लिए झूठे केस में फंसाया गया है। उनका आंदोलन पूरी तरह शांतिपूर्ण था। साथ ही, उन्होंने कहा कि उनके जेल जाने से उनके समर्थकों का हौसला और बढ़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि वे अंतिम सांस तक खतियानियों के हक की लड़ाई लड़ते रहेंगे।
क्या हुआ था 28/06/2006 को
अमित महतो पर सोनाहातू के तत्कालीन सीओ आलोक कुमार ने 28 जून 2006 को प्राथमिकी दर्ज कराई थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि उस दिन दोपहर 3 बजे वह सरकारी कार्य निष्पादन के लिए बुंडू एसडीओ कार्यालय से सोनाहातू स्थित अपने कार्यालय पहुंचे थे। वहां पहले से अमित अपने 35 समर्थकों के साथ मौजूद थे। ये सभी लोग लाठी, डंडा, फरसा, तीर से लैस थे और सरकारी अधिकारियों पर हमला किए थे। अदालत में सुनवाई के बाद अमित को दो साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद उनकी विधायकी चली गई थी। अमित महतो झामुमो के टिकट पर सिल्ली सीट से अपने चिर प्रतिद्वंद्वी आजसू पार्टी के सुप्रीमो पूर्व डिप्टी सीएम सुदेश महतो को बड़े अंतर से हराकर विधानसभा पहुंचे थे।
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