जातपात को लेकर प्रसारित की गई बातों को नवाडीह के ग्रामीणों से सिरे से खारिज किया
तीन जगह बोरिंग कराई गई, टैंकर से भी मिल रहा पानी
ग्रामीणों ने छुआछूत का किया खंडन
जिला सूचना जनसंपर्क विभाग की ओर से बताया गया है कि उपरोक्त मामले की स्थलीय जांच के क्रम में जिला प्रशासन की टीम ने गांव का भ्रमण किया और सभी पक्षों के साथ बैठक की। उनकी बातों को सुना गया। सभी पक्षों को सुनने एवं पड़ताल के बाद "छुआछूत' "अंधविश्वास" "ऊंची जाति" "लोहरा (दलित) जैसे शब्द भ्रामक एवं उन्माद फैलाने वाले प्रतीत होते हैं। यह घटना महतो एवं लोहरा जाति के बीच की है, इसमें "ऊंची जाति या 'दलित' जैसी कोई बात नहीं हैं। जांच में पता चला कि दोनों जातियां झारखंड राज्य की जातियों की सूची में पिछड़ी जाति ( BC Annexure-1) में दर्ज हैं। ग्रामीणों ने भी छुआछूत जैसी बातों का खंडन किया और बताया कि समाज के लोग सभी सामाजिक-सांस्कृतिक कार्यक्रमों में एक साथ शामिल होते हैं।
समस्या पानी की किल्लत को लेकर हुई...
स्थल जांच में पता चला कि मूलतः यह समस्या पानी की किल्लत को लेकर उठी। क्योंकि क्षेत्र के अधिकतर कुएं निजी जमीन पर बने हैं, जिनसे कुछ लोगों द्वारा अन्य लोगों को पानी भरने नहीं दिया जाता है, क्योंकि गर्मी के कारण कुओं का जलस्तर कम हो गया है। भ्रमण के दौरान सरकारी कुएं चिह्नित हुए, जो साफ-सफाई के अभाव में या तो सूख गए हैं या पानी गंदा हो गया है। जल संबंधी समस्या का निरीक्षण सहायक अभियंता, पेयजल एवं स्वच्छता प्रशाखा, अनगड़ा एवं कनीय अभियंता पेयजल एवं स्वच्छता प्रशाखा, सिल्ली द्वारा किया गया। सर्वेक्षण के बाद खराब पड़े चापाकलों की मरम्मत एवं पुरानी जलमीनार की मरम्मत तत्काल करा दी गई। सम्पूर्ण गांव को SVS से जलापूर्ति के लिए अच्छादित करने के लिए स्वीकृत योजना के तहत कार्य प्रारंभ करा दिया गया है। विभाग द्वारा बोरिंग भी कराई गई है। वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में टैंकर से पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। साथ ही, निजी कुएं से भी पानी लेने पर सहमति बनी है।
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