महिमा सैनिटरी नैपकिन उत्पादन इकाई के उद्घाटन के बाद अवलोकन करते सीआईपी के निदेशक डॉ. बी दास व डॉ कनीनिका मित्रा। |
KANKE (RANCHI)। सीआईपी में अब महिला मरीजों को संस्थान में उत्पादित गुणवत्तायुक्त निःशुल्क सैनिटरी नैपकिन दिया जाएगा। इसके लिए शुक्रवार को महिमा सैनिटरी नैपकिन प्रोडक्शन यूनिट का सीआईपी के डायरेक्ट डॉ. बी दास, डॉ. अविनाश शर्मा, यूनिसेफ रांची की डॉ. कनीनिका मित्रा और डॉ. लक्ष्मी सक्सेना ने संयुक्त रूप से उद्घाटन किया। ऐसा करने वाला सीआईपी देश का पहला मानसिक स्वास्थ्य संस्थान बन गया है। डॉ. बी दास ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य के साथ ही संस्थान महिला मरीजों के माहवारी स्वास्थ्य के प्रति भी सजग है। उन्होंने कहा कि यह संक्रमण और अन्य गंभीर रोगों से बचाने की दिशा में बेहद महत्वपूर्ण कदम है।
यूनिसेफ व वर्ल्ड विजन इंडिया का अहम योगदान
सीआईपी के डॉ. अविनाश शर्मा ने कहा कि इस यूनिट को शुरू करने में यूनिसेफ रांची और वर्ल्ड विजन इंडिया का अहम योगदान रहा है। यूनिसेफ रांची ने 25 लाख रुपए की वित्तीय मदद की। वहीं, स्थापना, ट्रेनिंग और उत्पादन शुरू करने में वर्ल्ड विजन इंडिया तकनीकी मदद मुहैया करा रहा है। कहा कि बहुत कम कीमत में इसको संस्थान की महिला कर्मियों, स्टूडेंट्स के अतिरिक्त कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय कांके, गवर्मेंट प्लस टू स्कूल कांके की छात्राओं तथा इच्छुक सरकारी संस्थानों को उपलब्धता और आवश्यकतानुसार उपलब्ध कराया जाएगा। यहां प्रतिदिन 15000 सैनिटरी नैपकिन तैयार किए जाएंगे। बताया कि प्रयोग के बाद पैड के निस्तारण की व्यवस्था की दिशा में भी कार्य किया जाएगा।
मासिक धर्म के प्रति जागरूकता जरूरी
यूनिसेफ रांची की डॉक्टर कनीनिका मित्रा ने कहा कि मासिक धर्म से जुड़ी विभिन्न भ्रांतियों को दूर करने को लेकर जागरूकता काफी महत्वपूर्ण है। लेकिन सस्ते दर पर यदि पैड उपलब्ध होंगे तो स्टूडेंट्स और महिलाएं इसको निश्चित रूप से अपनाएंगी। कहा सीआईपी में इलाजरत महिलाएं और युवतियां स्वयं ही इसको तैयार करेंगी। इससे उनका कौशल विकास भी होगा तथा मानसिक स्वास्थ्य में सुधार भी आएगा। इस अवसर पर यूनिट इंचार्ज आक्यूपेशनल थेरेपिस्ट कुणाल कुमार, कुमार प्रेमचंद, आस्था, धर्मवीर सिंह सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
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