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पेड़ों में लगा अमेरिकन आर्मी कीट |
अनिल कुमार चौधरी/angara(ranchi) पिछले एक सप्ताह से नवागढ़ के जंगलों और जंगल से सटे घरों में लाखों की संख्या में रेंगते हुए आये
विदेशी प्रजाति का अमेरिकन आर्मी कीट (पीलू) से पूरा जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया। लगातार रेंगते हुए पीलू के कारण नवागढ़ जंगल से पेड़ों में लगा पत्ता गायब हो गया। सभी पत्ता को पीलू चट कर गया। इसके बाद पीलू आसपास के घरों व दुकानों में घूसने लगे। इन पीलू के आतंक से पिछले एक सप्ताह से नवागढ़ चौक की दुकानें पूरी तरह से बंद है। पीलू के आतंक से लोग नवागढ़ चौक में खड़ा होने में डर रहे है। ये पीलू छोटे व बड़े दोनों प्रकार है। जिस पत्ता में पीलू लग गया उसे मिनटों में चट कर जा रहे है। यही कारण है की नवागढ़ स्कूल के बगल के जंगल पूरी तरह से पत्तों से उजाड़ हो गया है। पहली बार इस तरह से पीलू का आतंक गांव में हुआ है।
जिला परिषद सदस्य राजेन्द्र शाही मुण्डा बताते है इन पीलू के आतंक से जंगलों को काफी नुकसान पहुंचा है। नवागढ़ के अलावा, जरगा, पैका, जोन्हा के जंगलों में भी पीलू का आतंक है। नवागढ़ के जंगल में किसी पेड़ के बगल में खड़ा होने पर लगातार पीलू गिरता रहता है। वनविभाग कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करे ताकि पीलू को खत्म किया जा सके।
नवागढ़ स्कूल के प्रिंसिपल हरेकृष्ण चौधरी बताते है एक सप्ताह से पीलू का यहां पर आतंक है। प्रतिदिन हजारों की संख्या में पीलू स्कूल परिसर, क्लासरूम, कीचन में आ रहे है। पूरी सावधानी के बच्चों के लिए एमडीएम बनाया जा रहा है। हालांकि आज पीलू की संख्या कुछ कम हुई है। बच्चें भयभीत है। हमेशा अपने आसपास नजर रखना पड़ता है। अनगड़ा प्रखंड के अधिकांश सखुआ के जंगल में यह पीलू लगा हुआ है। पीलू पत्ता को चट करने के बाद जंगल के आसपास के इलाकों में बने घरों में जा रहे है। सखुआ का पत्ता इन पीलू का बेहद पसंद है।
महेशपुर जंगल में भी लाखों की संख्या में है पीलू: प्रभारी वनपाल नीतिन गुप्ता |
पत्ता विहीन हुआ नवागढ़ का सखुआ का जंगल |
अनगड़ा के प्रभारी वनपाल नितिन गुप्ता बताते है अभी अभी महेशपुर जंगल से लौटा हूं, यहां पर भी यह पीलू लाखों की संख्या में है। प्रखंड में विभिन्न स्थानों में स्थित अनेक सखुआ के जंगलों में इस पीलू के पाये जाने सूचना आ रही है। आज महेशपुर जंगल में विजीट के दौरान अनेक पीलू लगातार सिर व शरीर में भी गिरता रहा। परेशान होकर जल्द से जंगल से निकला हूं। महिलोंग रेंजर राजेश कुमार बताते है पीलू कहां से आया इसकी जानकारी नही है। अब इसे लैब में भेजकर पता लगाया जाएगा की यह पीलू कहां से आया है कितनी क्षति पहुंचा रहा है।
सखुआ के पत्ता के खत्म होने से अनेक आदिवासी परिवारों के समक्ष रोजी रोटी की समस्या खड़ी हुई। |
नवागढ़ स्कूल की दीवार में पीलू |
सखुआ के जंगल पर अनगड़ा के ग्रामीण क्षेत्र की एक बहुत बड़ी आबादी अपनी आजिविका के लिए निर्भर है। लेकिन जंगल से लगातार सखुआ के पत्ता के गायब होने से ऐसे हजारों परिवारों के समक्ष रोजी-रोटी की समस्या खड़ी हो गई है।
नवागढ़ के दिलीप मिर्धा बताते है जंगल से पूरा सखुआ का पत्ता की गायब हो गया है। सखुआ के पत्ता से ग्रामीण आदिवासी महिलाएं दोना, पत्तल बनाकर अपने परिवार का पेट पालती थी, लेकिन अब पत्ता ही नही मिल रहा है। एक सप्ताह से हजारों परिवार के समक्ष आर्थिक संकट पैदा हो गया है।
वीडियो में देखिए कैसे पत्ते चट कर रहे कीड़े...
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