GA4-314340326 मिशन 2024: अनगड़ा में क्या है भाजपा, कांग्रेस, आजसू व झामुमो की सियासी तैयारी...

मिशन 2024: अनगड़ा में क्या है भाजपा, कांग्रेस, आजसू व झामुमो की सियासी तैयारी...

Anil Kumar choudhary/Angara (Ranchi) 
 अनगड़ा प्रखंड में विभिन्न राजनीतिक दल मिशन-2024 की तैयारी में जुट गए हैं। प्रखंड की 21 पंचायतों में कुल 81629 हजार वोटर हैं। इनमें से करीब 20 हजार वोटर सिल्ली विस क्षेत्र की पांच पंचायतों जोन्हा, बरवादाग, गुड़ीडीह, टाटी व सुरसू के हैं। शेष 62 हजार वोटर खिजरी विस की 16 पंचायतों चिलदाग, लुपुंग, सालहन, हेसल, चतरा, बोंगईबेड़ा, पैका, अनगड़ा, सिरका, गेतलसूद, हरातू, हेसातू, बीसा, नवागढ़, कुच्चू, राजाडेरा पंचायत के हैं। पूरे अनगड़ा प्रखंड में आदिवासी व कुरमी जाति की बहुलता है। दोनों जातियों के मतदाता लगभग बराबर हैं। अभी तक के लोकसभा व विधानसभा चुनावों के वोटिंग ट्रेंड को देखे, तो पता चलेगा कि अनगड़ा प्रखंड में भाजपा, कांग्रेस व आजसू की ही पकड़ है। लेकिन, इसमें भाजपा बेशक पहले स्थान पर है, पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस व आजसू पार्टी ने भाजपा के वोट बैंक में जबदरदश्त सेंधमारी की थी। अनगड़ा प्रखंड में वोटों के बंटवारें के कारण ही भाजपा खिजरी विधानसभा का चुनाव हार गईथी। आइए, जानते हैं राजनीतिक दलों की चल रही तैयारी की अद्यतन स्थिति। 

           भाजपा: कार्यक्रम तो चला रहा, पर जनमुद्दों पर चर्चा नहीं 

भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व द्वारा पूर्व घोषित कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए प्रखंड में नेता-कार्यकर्ता लगातार पसीना बहा रहे हैं। केन्द्र सरकार, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राज्य की पूर्ववर्ती रघुवर सरकार की विकास व अन्य कल्याणकारी योजनाओं का घूम-घूम कर प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। लोगों को हुए फायदे गिना रहे हैं। बूथ प्रबंधन मजबूत करने के लिए लगातार लोगों के साथ बैठकें कर रहे हैं। आम चुनाव की तैयारी के बहाने खिजरी के पूर्व विधायक रामकुमार पाहन खिजरी विधानसभा क्षेत्र में अपनी सियायी जमीन को सींच रहे हैं। रामकुमार पाहन अनगड़ा प्रखंड में पंचायत-पंचायत जाकर पसीना बहा रहे हैं। भाजपा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य जैलेन्द्र कुमार महतो भी आम जनता के साथ लगातार जुड़ाव हो सके, ऐसे कार्यक्रम कर रहे हैं। जैलेन्द्र कुमार महतो के अतिरिक्त प्रयास से पार्टी को प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों में नए सदस्यों को जोड़ने में लाभ मिल रहा है। मालूम हो कि भाजपा ने अनगड़ा प्रखंड में संगठन को मजबूत करने के लिए प्रखंड को दो मंडलों अनगड़ा व सिकिदिरी में बांटा है। अनगड़ा मंडल कमेटी के साथ-साथ प्रखंड के विभिन्न वरिष्ठ पदाधिकारियों का भी पूरा सहयोग पार्टी को मिल रहा है। भाजपा ऊर्जा से लबरेज दिख रही है। लेकिन, इसके बावजूद पार्टी पूर्व घोषित कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में कई स्थानों पर औपचारिकता मात्र निभा रही है। वहीं, जनमुद्दों को लेकर आंदोलन से गायब है। भाजपा के कई नेता व कार्यकर्ताओं का झुकाव नवगठित जयराम महतो की पार्टी की तरफ भी दिख रहा है। नये व युवा कार्यकर्ताओं को भाजपा को जोड़ने में आशातीत सफलता नहीं मिली है। भाजपा अनगड़ा मंडल अध्यक्ष रामनाथ महतो बताते हैं कि मोदी सरकार के बेमिसाल नौ साल कार्यक्रम को लेकर डोर-टू-डोर कैंपेन चला रहे हैं। संगठन की स्थिति काफी मजबूत है। लोस चुनाव में अनगड़ा प्रखंड से भाजपा निःसंदेह पिछले चुनाव से ज्यादा वोट लाएगी।   

 गुटों में बंटी कांग्रेस, काफी अरसा से नहीं हुई कार्यसमिति की बैठक

अनगड़ा प्रखंड में गुटों में बंटी कांग्रेस पार्टी के पास अपना थोक वोट बैंक है। लेकिन, लंबे समय से अनगड़ा प्रखंड में कांग्रेस की सांगठनिक गतिविधि ठप है। कांग्रेस के कुछ कार्यकर्ता होटलों में मिले और संगठन की मजबूती की औपचारिकता पूरी कर ली। गांव तक पार्टी के नीति-सिद्धांत व राज्य सरकार की विकास योजनाओं की जानकारी नहीं पहुंच पा रही है। एक साल से कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर भी विवाद है। एआईसीसी के निर्देश पर एक साल पूर्व नारायण मुंडा को अनगड़ा प्रखंड कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया। जबकि कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटाए गए एतवा उरांव को छह माह पूर्व ही अध्यक्ष बनाया गया था। नारायण मुंडा को कांग्रेस का एक धड़ा अध्यक्ष स्वीकार नहीं कर पा रहा है। इस विवाद का सीधा असर सांगठनिक कार्यक्षमता पर पड़ रहा है। प्रखंड अध्यक्ष नारायण मुंडा विधायक के कार्यक्रम से गायब रहते हैं और खिजरी विधायक राजेश कच्छप समर्थक नारायण मुंडा के सांगठनिक कार्यक्रम से अलग रहते हैं। दोनों गुटों के रास्ते अलग-अलग चल रहे हैं। इसी रस्साकस्सी में संगठनिक कार्य ठप है। काफी समय से प्रखंड कार्यसमिति की बैठक भी नहीं की गई है। हालांकि, विधायक प्रतिनिधि राजेन्द्र मुंडा व पूर्व प्रखंड अध्यक्ष एतवा उरांव की सक्रियता से कांग्रेस पार्टी की आंशिक गतिविधि चल रही है। जनसमस्याओं के समाधान को लेकर नेताद्वय गंभीर हैं। लेकिन, सांगठनिक गतिविधि से अपने आप को नहीं जोड़ पा रहे हैं। विवादों के बीच राजेन्द्र मुंडा व एतवा उरांव ने सीधे जनता तक पहुंचने की रणनीति बनाई है। राजेन्द्र मुंडा बताते हैं कि लगातार राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ जनता तक पहुंचाया जा रहा है। सीधे आम जनता से जुड़कर काम कर रहे हैं। लोगों को केन्द्र सरकार की नाकामियों कीी जानकारी दी जा रही है। मिशन 2024 में अनगड़ा प्रखंड से कांग्रेस पार्टी को पिछले चुनाव में मिले वोट से ज्यादा मिलेगा।  

 आजसू पार्टी: गठबंधन की चर्चा से कार्यकर्ता उदासीन 

आजसू पार्टी का अनगड़ा प्रखंड में तेजी से ग्राफ बढ़ा है। लेकिन मिशन 2024 को लेकर कार्यकर्ताओं में असमंजस की स्थिति है। भाजपा से गठबंधन होने को लेकर आजसू कार्यकर्ता आश्वस्त हैं। अनगड़ा प्रखंड में आजसू की सांगठनिक स्थिति “ज्यादा जोगी मठ उजाड़” वाली कहावत की तरह है। आजसू के कार्यकर्ता मानकर चल रहे हैं कि मिशन 2024 में भाजपा से गठबंधन होने की स्थिति में लोकसभा चुनाव पार्टी नहीऊ लड़ेगी। आजसू पार्टी के अनगड़ा प्रखंड अध्यक्ष जगरनाथ महतो बताते हैं कि मिशन 2024 को लेकर आजसू पार्टी के कार्यकर्ता पूरी गंभीरता से मेहनत कर रहे हैं। हमलोगों की मांग है कि 2024 में भाजपा-आजसू गठबंधन के तहत रांची लोस क्षेत्र से सुदेश कुमार महतो चुनाव लड़ें। आजसू पार्टी के केन्द्रीय सचिव राजेन्द्र शाही मुंडा बताते हैं कि राजनीति में लगातार संगठन की मजबूती को लेकर कार्यक्रम चलता रहता है। हम भी इस दिशा में लगातार काम कर रहे हैं। राजनीति में कुछ भी संभव है। लेकिन खिजरी विस में अनगड़ा प्रखंड आजसू पार्टी की संगठन का मूल आधार है। अनगड़ा जैसा संगठन हमें अन्य प्रखंडों में बनाना है। इसका सामूहिक प्रयास भी चल रहा है।                         

झामुमो: झामुमो की सांगठनिक गतिविधि नगण्य

झारखंड मुक्ति मोरचा का अनगड़ा प्रखंड में सांगठनिक स्थिति लगभग नगण्य है। एक साल से प्रखंड कार्यसमिति की बैठक नहीं हुई है। जनमुद्दों को लेकर कोई आंदेालन नहीं हुआ। सिर्फ सिल्ली विस क्षेत्र के अर्न्तगत आनेवाले अनगड़ा प्रखंड के पांच पंचायतों में सिल्ली विस प्रभारी सह रांची जिला उपाध्यक्ष रामानंद बेदिया ने संगठन को रेस करके रखा है। रामानंद बेदिया को सिल्ली से विस का चुनाव लड़ना है, इसलिए वे रेस हैं। झामुमो के अनगड़ा प्रखंड अध्यक्ष मधुसूदन मुंडा बताते हैं कि अपने पसीने से संगठन को सींचकर मजबूत कर रहे हैं, लेकिन पार्टी लोस व विस का चुनाव ही नहीं लड़ती है। अब इस स्थिति में सगठन कैसे मजबूत रहेगा। इस बार भी यहां से गठबंधन के तहत लोस व विस का चुनाव कांग्रेस पार्टी लड़ेगी तो हम संगठन को कितना मजबूत कर पाएंगे। 

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