GA4-314340326 Breaking: डुमरी उपचुनाव में एनडीए की ओर से आजसू की यशोदा देवी लड़ेंगी चुनाव

Breaking: डुमरी उपचुनाव में एनडीए की ओर से आजसू की यशोदा देवी लड़ेंगी चुनाव

शुक्रवार रात को सुदेश के आवास में मरांडी व कर्मवीर सिंह।

Dumri By-election: डुमरी विधानसभा उपचुनाव में एनडीए की ओर से आजसू पार्टी चुनाव लड़ेगी। एनडीए की घटक भाजपा ने यह सीट आजसू के लिए छोड़ दी है। आजसू ने यहां से यशोदा देवी को अपना उम्मीदवार बनाया है। हालांकि, एनडीए की ओर से अभी इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। शुक्रवार रात को आजसू पार्टी के सुप्रीमो सुदेश कुमार महतो के रांची स्थित आवास पर हुई बैठक में भाजपा ने डुमरी विधानसभा क्षेत्र में आजसू को समर्थन देने पर अपनी सहमति दी। बैठक में आजसू की ओर से पार्टी सुप्रीमो सुदेश कुमार महतो और भाजपा की ओर से प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी व प्रदेश महामंत्री कर्मवीर सिंह शामिल थे। बताते चलें कि झामुमो विधायक और राज्य शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के निधन से यह सीट खाली हुई है।

2019 में यशोदा देवी को भाजपा उम्मीदवार से 827 वोट मिला था 

2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा और आजसू पार्टी में गठबंधन नहीं हुआ था। इस कारण दोनों पार्टियां अलग-अलग चुनाव लड़ी थी। आजसू ने डुमरी में यशोदा देवी को टिकट दिया था, जबकि भाजपा की ओर से प्रदीप कुमार साहू चुनावी दंगल में उतरे थे। आजसू की यशोदा देवी को 36840 वोट मिले थे, जबकि भाजपा उम्मीदवार प्रदीप कुमार साहू 36013 वोट ही ला सके थे। झामुमो उम्मीदवार जगरनाथ महतो ने 71128 वोट लाकर जीत अपने नाम कर ली थी। उस वक्त चुनाव समीक्षकों ने कहा था कि एनडीए का वोट आजसू और भाजपा के बीच बंट जाने के कारण झामुमो को आसानी से जीत मिल गई थी। क्योंकि, दोनों पार्टियों को मिले वोटों को जोड़कर देखा जाए, तो 72853 वोट होता है, जो झामुमो उम्मीदवार को मिले वोट से 1725 वोट ज्यादा है। अब इस उपचुनाव यह देखना रोचक होगा कि एनडीए अपने वोटों को समेट पाता है या नहीं। यदि एनडीए अपने वोटों को समेट पाने में सफल हो गया, तो झामुमो उम्मीदवार बेबी देवी के लिए विधानसभा पहुंच पाना मुश्किल हो जाएगा।

झामुमो पहले ही बेबी देवी को बना चुका है अपना उम्मीदवार

झामुमो पहले ही स्व. जगरनाथ महतो की पत्नी बेबी देवी को अपना उम्मीदवार बना चुका है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बेबी देवी की जीत को पक्का करने के लिए उन्हें अपने मंत्रिमंडल में भी शामिल कर चुके हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खुद डुमरी विधानसभा उपचुनाव में प्रचार और रणनीति बनाने की जिम्मेदारी अपने हाथ में लिए हुए हैं। बताते चलें कि झामुमो इसी रणनीति पर मधुपुर उपचुनाव जीत चुका है। मधुपुर से झामुमो विधायक और हेमंत सरकार में कैबिनेट मंत्री हाजी हुसैन अंसारी के निधन के बाद झामुमो ने चुनाव से पहले ही मरहूम हाजी हुसैन अंसारी के बेटे हफीजुल अंसारी को मंत्री बना दिया था। जब उपचुनाव हुआ तो हफीजुल को मंत्री पद पर होने का लाभ और पिता के निधन से उपजी सहानुभूति का लाभ मिला और वह उपचुनाव जीत गए। इसलिए, डुमरी में भी झामुमो इसी फॉर्म्युले पर चल रहा है।

एक भी उपचुनाव भाजपा जीत नहीं सकी

2019 के बाद झारखंड में पांच उपचुनाव हुए। एक मात्र रामगढ़ में एनडीए की ओर से लड़ी आजसू की उम्मीदवार सुनीता देवी ही जीत सकी हैं, जबकि दुमका, मांडर, बेरमो और मधुपुर सीट से एनडीए की ओर से भाजपा चुनाव में उतरी, लेकिन पूरी ताकत झोंकने के बाद भी उसे सफलता नहीं मिली। रामगढ़ में सुनीता को भी आजसू और भाजपा के कैडर वोटों के अलावा अपने पति चंद्रप्रकाश चौधरी (वर्तमान गिरिडीह सांसद) के किए कार्यों का लाभ मिला।

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