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रेल टेका को लेकर कुरमी समाज की समीक्षा बैठक |
silli(ranchi) आदिवासी कुडमी समाज के केंद्रीय कमेटी की बैठक काक्ष आयोजन सिल्ली में किया गया। बैठक में कुड़मी समाज को आदिवासी सूची में शामिल करने, कुड़माली भाषा को आठवीं सूची में शामिल करने व सरना धर्म कोड लागू करने सबंधी के मांगों पर चर्चा किया गया। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि यदि 20 सितंबर से पहले कुड़मी जाति को आदिवासी में शामिल नही किया गया तो आगामी 20 सितंबर को ओड़िसा, प०बंगाल व झारखंड समेत तीनों राज्यों में रेल टेका एवं डहर छेंका आंदोलन आदिवासी कुड़मी समाज के लोग करेंगे। इसकी जानकारी देश के राष्ट्पति, प्रधानमंत्री मंत्री एवं गृहमंत्री मंत्री और तीनों राज्य के मुख्यमंत्री को विभिन्न स्रोतों द्वारा दिया गया है। बैठक में महासचिव सुनील कुमार महतो समेत झारखंड, पश्चिम बंगाल व उड़ीसा से आए हुए अन्य अतिथियों ने भी संबोधित किया। इस मौके पर केंद्रीय अध्यक्ष शुशांक शेखर महतो, प्रोफेसर लोहरा महतो, सुजीत महतो, बसंत महतो, पद्दलोचन महतो, शशि भूषण महतो, जागेश्वर महतो, श्रीकांत महतो सहित कुड़मी समाज के कई लोग उपस्थित थे।
कुरमी को अजजा सूची में शामिल करने तक जारी रहेगा आंदोलन
मुख्य अतिथि आदिवासी कुडमी समाज के संरक्षक अजीत प्रसाद महतो ने कहा कि कुड़मी जनजाति देश की आजादी से पहले आदिम जनजाति में सूचीबद्ध था। वर्ष 1950 में अनुसूचित जनजाति की जब सूची तैयार हुआ, तब कुड़मी जनजाति को छोड़कर सभी आदिम जनजातियों को अनुसूचित जनजाति की सूची में सूचीबद्ध किया गया। तब से 73 वषों से कुड़मी जनजाति अनुसूचित जनजाति की सूची में सूचीबद्ध हेतु आन्दोलनरत है। इस बार का हमारी आंदोलन निर्णायक होगी। समाज में एकता का परिचय देते हुए आगामी 20 सितंबर को रेल टेका अभियान को सफलतापूर्वक संपन्न करना है। कुड़मी को आदिवासी का दर्जा दिलाने के लिए राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार को हमें अपनी ताकत दिखाना होगा और मजबुर होकर सरकार को हमारी मांगों को पूरा करना पड़ेगा। अन्यथा अनिश्चित काल रेल टेका अभियान को जारी रखा जाएगा। वहीं समाज के कार्यकर्ताओं को गांव में जाकर समाज के लोगो को जागरूक करने का आह्वान किया।
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