GA4-314340326 अपना अस्तित्व संस्कृति और सम्मान बचाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है: प्रेमचंद मुर्मू

अपना अस्तित्व संस्कृति और सम्मान बचाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है: प्रेमचंद मुर्मू

मंच पर उपस्थित प्रेमचंद मुरमू व अन्य
silli(ranchi) सिल्ली प्रखंड के गेड़ेवीर स्कूल मैदान में विश्व अंतरराष्ट्रीय आदिवासी दिवस मनाया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि आदिवासी समाज के वरीय समाजसेवी प्रेमचंद मुर्मू उपस्थित थे उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि भारत की सामाजिक आर्थिक और राजनीतिक विकास में आदिवासियों का बड़ा योगदान रहा है। प्राचीन समय से ही आदिवासी अपनी पहचान बनाए रखने के लिए विदेशी समुदायों से जूझती रही है आज भी आदिवासी समाज के लोगों को अपना अस्तित्व संस्कृति और सम्मान बचाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। विश्व में सबसे अधिक आदिवासी आबादी भारत में निवास करते हैं । विशिष्ट अतिथि रविपद मांझी ने कहा कि आदिवासी ही वे लोग है जिनसे हमें प्रकृति को बचाने की सीख मिलती है। मंच का संचालन किनू राम बेदिया ने किया। 

विभिन्न इवेंट के प्रतिभागी हुए सम्मानित

उपस्थित जनसमूह
कार्यक्रम के दौरान पिछले दिनों आयोजित खेलकूद के सफल प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया। इस दौरान विभिन्न गांव से आए हुए  बच्चों ने सांस्कृतिक नृत्य प्रस्तुत कर उपस्थित लोगों का मन मोह लिया। इसके अलावा क्षेत्र के समाज के वैसे बच्चे जो अपने हुनर से क्षेत्र में पहचान बनाए हैं जिन्होंने पेंटिंग, नृत्य आदि में अव्लव आए है उन्हें भी सम्मानित किया गया। कार्यक्रम से पूर्व अतिथियों ने बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर, भगवान बिरसा मुंडा, स्वतंत्रता संग्राम अमर शहीद जीतराम बेदिया एवं शहीद दिलीप बेदिया के चित्र पर माल्यार्पण किया। इस मौके पर  लक्ष्मीकांत मांझी,  रामानंद बेदिया, अनिल सिंह, महेंद्र सिंह बेदिया, एतवा बेदिया, फाल्गुनी शाही, पूर्व सैनिक लखीचरण मुंडा, दीपक मुंडा, सोमरा माँझी, हरिपद मांझी, प्रदीप बेदिया,  फेकन राम मांझी समेत काफी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।

Post a Comment

please do not enter any spam link in the comment box.

أحدث أقدم