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सिल्ली का प्रसिद्ध देलवेड़ा मंदिर |
तारकेश्वर महतो/Silli (Ranchi) सिल्ली के मारदु देलवेड़ा में स्थित प्राचीन शिव मंदिर श्रद्धालुओं के लिए आस्था का मुख्य केंद्र है। यहाँ की मान्यता है कि मंदिर में स्थित भगवान शिव की पूजा करने से उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। मंदिर में पूजा पहनों के द्वारा ही कि जाती है। गांव के इस प्राचीन मंदिर में हमेशा भक्तों की भीड़ दिखाई देती है। सावन माह में भगवान शिव की पूजा और रुद्राभिषेक का विशेष महत्व होता है। प्राचीन शिव मंदिर में भक्तों को भोलेनाथ के दर्शन-पूजन से उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इसके अलावा, दैहिक, दैविक और भौतिक संकटों से भी भक्तों को राहत मिलती है। इसके कारण, यहांआने वाले भक्तों की हमेशा भीड़ दिखाई देती है। इस परिसर में लगभग 100 साल पुराना बरगद का पेड़ भी है। दूर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए ठहरने की व्यवस्था की गई है।
इस मंदिर के बारे क्या कहते है पाहन भीष्म सिंह मुण्डा
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मंदिर का पुजारी पाहन भीष्म सिंह मुण्डा |
पाहन भीष्म सिंह मुंडा ने बताया कि मेरे दादा जी कहते थे वर्षो पूर्व स्वर्ण रेखा नदी पर नदी का पानी काफी उफान पर था तो दादाजी को भगवान शिव का सपना मिला कि मैं बीच नदी में हूं। उस समय नदी किनारे पीपल का पुराना पेड़ भी था। कुछ दिनों बाद पानी का जल स्तर घटने के बाद सपने के स्थल पर जाकर देखा। छोटे से शिवजी का लिंग पड़ा हुआ था।उसे देखते ही उठाने का प्रयास किया नहीं उठा पाया। काफी बिनती के बाद पुनः प्रयास किया गया। तब वहाँ से उठा के पास के ही एक मैदान पर रखा गया। पूर्व में झोपड़ी नुमा मंदिर हुआ करता था। जहां अब विधायक सुदेश महतो के पहल पर भव्य मंदिर का निर्माण किया गया है।
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