GA4-314340326 सिल्ली में कुंआ धंसने से दो की मौत, तीन मिटटी में दबे, एक सुरक्षित निकला

सिल्ली में कुंआ धंसने से दो की मौत, तीन मिटटी में दबे, एक सुरक्षित निकला

रेस्क्यू आपरेशन चलाते 
अनूप महतो/Silli (Ranchi) सिल्ली प्रखंड के पिस्का पंचायत के पिस्का गांव में एक कुंआ के धंसने से उसमें आधा दर्जन लोग दब गये। इससे दम घुटने से दो लोगों की मौत हो गई। चार घंटे से अधिक समय से चलाये जा रहे रेस्कयू आपरेशन के बावजूद तीन लोग अभी भी मिटटी के नीचे दबे है। एक को सुरक्षित निकाला गया। मरनेवालो में विष्णु चरण मांझी व मनोहर मांझी शामिल है। दोनों के शव को बाहर निकाला गया है। जबकी गुरुपद मांझी, बहादुर मांझी और रमेश मांझी अभी भी कुंआ के मिटटी से दबा हुआ है। मंटू मांझी को रेस्कयू करके बचाया गया।  इस घटना में पुत्र भागीरथ मांझी के सामने ही पिता विष्णु चरण मांझी दब गया। पुत्र चाहकर भी कुछ नही कर सका। भागीरथ बाहर खड़ा होकर पिता को बैल निकालने के तरीके बता रहा था। तभी कुंआ में धंसान हो गया। पानी और मिटटी के एक साथ धंसान होने से सभी के जिंदा दफन होने की आशंका व्यक्त की जा रही है। जैसे जैसे रेस्क्यू आपरेशन में विलंब हो रही है जिंदा बचने की संभावना क्षीण होते जा रही है। 

कुंआ से शव को निकालते
कैसे हुई घटना: गुरुवार दिन के पौने चार बजे गांव के ही घलटू मांझी के कूप में रमेश मांझी का एक मवेशी(बैल) गिर गया। कूप में गिरे मवेशी को निकालने के लिए आसपास के आधा दर्जन एक दूसरे का सहारा देते हुए कूप के नीचे उतरे। कूप कच्चा था और लगातार हो रही बारिश के कारण अचानक से कूप में धंसान शुरू हो गया। एक दूसरे को बचाने के क्रम में सभी वहां दब गया। कुंआ को सिंचाई के लिए तीस साल पूर्व अधूरा बनाकर छोड़ दिया गया था। कुंआ में पानी लबालब भरा हुआ था। अनसाइज बोल्डर से पाटा गया था लेकिन मुंडेर नही बनाया गया था। कुंआ के कच्चा होने के कारण ही दुर्घटना हुई।  

घटना के एक घंटा बाद पहुंचा प्रशासन

घटना के एक घंटा बाद सिल्ली पुलिस व प्रशासन की टीम इंडालको की रेस्क्यू टीम लेकर मौके पर पहुंची। एक घंटा से अधिक समय तक ग्रामीणों ने अपने स्तर से इंडालकों की रेस्क्यू टीम के साथ मेहनत किया। लेकिन किसी को नही निकाला गया। बाद में रांची से पहुंची एनडीआरएफ की टीम ने तीन जेसीबी मशीन व एक हाइड्रा की मदद से रेस्क्यू अभियान चलाया।  

बिजली पोल के कारण रेस्क्यू में हो रही परेशानी

बिजली के पोल के कारण रेस्क्यू टीम को परेशानी हो रही है। ग्रामीणों ने बताया कि कुआं के बगल में ही एक बिजली का पोल गड़ा हुआ था। कुंआ में हुए धंसान के बाद बिजली का पोल भी कुंआ के अंदर चला गया। संभावना है कि बिजली के पोल के नीचे दबे होने के कारण ही रेस्क्यू आपरेशन में परेशानी हो रही है। पानी, गीली मिटटी व बिजली के पोल के कारण काफी परेशानी हो रही है। मवेशी को निकालने में सहयोग कर रहे सुरेन्द्र दास ने बताया कि कुंआ धंसने के क्रम में कुंआ के उपर रखें पत्थर के सहारे लटक कर किसी तरह बचा पाये।

गांव में मची अफरा-तफरी, बीतते पल के साथ जीवित होने की संभावना हो रही क्षीण 

 इस घटना के बाद पूरे गांव में अफरा-तफरी मच गया। गांव में जो जिस तरह से हो सकता है मदद करने पहुंचा। लेकिन कुंआ के तीस फीट गहरा होने के कारण परेशानी हो रही थी। शुरू में तो लोगों को पता ही नही चला कि कौन कौन दबा हुआ है। जैसे जैसे लोगों को जानकारी होते गई पूरे गांव रोने चिल्लाने लगा। स्वजन लगातार रो रहे थे। ईश्वर से जीवित होने की प्रार्थना कर रहे थे। जैसे जैसे रेस्क्यू आपरेशन में समय बीतता गया लोगों के जीवित होने की आस कम होते गई।  

कैंप किए है अधिकारी व जनप्रतिनिधि

 घटना के एक घंटा बाद पहुंचे लोग अभी भी लगातार घटनास्थल पर कैंप किये हुए है। रात में सिल्ली विधायक सुदेश कुमार महतो भी घटनास्थल पहुंचे। बचाव कार्य के अद्यतन स्थिति की जानकारी ली। वे भी कैंप किए हुए है। इनके अलावा उपाध्यक्ष वीणा चौधरी, बीडीओ पावन आशीष लकड़ा, विधायक प्रतिनिधि जयपाल सिंह, प्रमुख जितेंद्र बड़ाइक, थाना प्रभारी आकाशदीप, हिंडालको एचआर हेड अरुण राय, मुरी ओपी प्रभारी विपुल कुमार झा आदि घटना स्थल पर डटे हुए है। 

अपडेट जारी..

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