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किसानों को प्रमाणपत्र देते |
namkom(ranchi) कृषि प्रणाली का पहाड़ी एवं पठारी अनुसन्धान केंद्र, प्लांडु में जलछाजन परियोजना बोकारो द्वारा आयोजित पांच दिवसीय जलवायु अनुकूल समेकित कृषि प्रणाली पर कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन शुक्रवार को किया गया। इस अवसर पर केंद्र प्रधान
डा. अरुण कुमार सिंह द्वारा किसानों को कद्दूवर्गीय सब्जियों के उत्पादन के तकनीकी पहलू एवं आर्थिक महत्त्व की जानकारी दी गई। वहीं डा. आरएस पान प्रमुख वैज्ञानिक द्वारा समेकित कृषि प्रणाली में कन्दवर्गीय तथा दलहनी सब्जियों को शामिल करने की सलाह दी गई। डा. सुशांता कुमार नायक, प्रमुख वैज्ञानिक ने किसानों को समेकित कृषि प्रणाली में पोषक तत्त्वों के पुनर्चक्रण के गुर सिखाये। साथ ही डा. वीरेंद्र कुमार यादव,डॉ अजीत कुमार झा, डॉ पी भावना ने समेकित कृषि प्रणाली में उद्यमिता के अवसर पर प्रकाश डाला।
समेकित खेती करने किसान
डा. अजित कुमार झा, वरीय वैज्ञानिक ने किसानों को मशरूम उत्पादन से समृद्धि की राह दिखाई। डा. पी. भावना, डॉ संतोष एस माली, डॉ जयपाल सिंह, डॉ रेशमा शिंदे, डॉ रीना कमल,डॉ महेश कुमार धाकड़ सहित सुरेस कुमार, विजय कुमार आदि ने किसानों को अधिक आमदनी के लिए मौसमी, बेमौसमी सब्जियों की खेती की उन्नत तकनीक, जल प्रबंधन के तकनीकी पहलू एवं टपक सिंचाई विधि का महत्त्व, समेकित खेती में उगाई जानेवाली फसलों में कीट एवं रोग प्रबंधन की विधि, समेकित कृषि प्रणाली के विभिन्न मॉडल एवं घटकों की तथा समेकित कृषि प्रणाली में पशुपालन का समायोजन करने और फल आधारित समेकित कृषि प्रणाली के मॉडलकी जानकारी दी। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में बोकारो और राँची के लगभग 25 महिला एवं पुरुष किसानों ने भाग लिया।
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