रामगढ़ में मिला झारखंड का सबसे बड़ा सारस |
20 से 25 साल है इस सारस की उम्र
इस पक्षी की विशेषता यह है कि इसकी उम्र 20-25 साल होती है। यह पक्षी एक बार में 2-4 अंडे देती है। इसलिए यह दुर्लभ प्रजाति का है। इसकी उंचाई चार फीट, पंख की लंबाई 2-2.5 फीट, वजन 4-6 किग्रा होता है। आमतौर पर यह नेपाल के निचले भाग में, भूटान, कंबोडिया, सिंगापुर, श्रीलंका, बर्मा, मलेशिया व भारत के असम, बंगाल, बिहार, झारखंड में पाया जाता है। यह मुख्य रूप से नदी, झील, वेटलैंड, कम पानी वाले दलदली क्षेत्र में रहता है। पेड़ के सबसे उंचे स्थान में यह अपना घोंसला बनाता है। जुलाई से दिसंबर तक इसका मिटिंग समय रहता है। 28-30 दिन अंडा सेकनें के बाद बच्चें को जन्म देती है। इसका मुख्य आहार मछली, मेढक, रेंगने वाले जीव(सांप), चूहा, खरगोश, मृत पशु का सडा हुआ मांस है।
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