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निरीक्षण करते अरुण रॉय |
तारकेश्वर महतो/Silli(ranchi) सिल्ली व आसपास के इलाके में आस्था का महापर्व छठ की तैयारी पूरी कर ली गई है। नदियों और पोखर के घाट सज गए हैं। लोक लोक आस्था के गीत से वातावरण गूंजायमान हो गया है। हिंडाल्को स्थित स्वर्ण रेखा नदी घाट को हिंडाल्को प्रबंधन अरुण कुमार रॉय ने श्रद्धालुओं की व्यवस्था को लेकर घाटों के प्रति खुद को दिन-रात समर्पित कर दिया है। उन्ही के देख रेख में स्वर्णरेखा नदी घाट में सारी तैयारी पूरी कर ली गई है। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए उन्होंने प्रखंड विकास पदाधिकारी रेनू बाला से बात की। उन्होंने छठ पर्व कर रही सारी माताओं से आग्रह किया कि वे अपने परिवार के साथ छठ घाटों पर आएं और अच्छी तरह छठ पूजा करें। कुल मिलाकर कहें तो छठ पूजा को लेकर तमाम लोगों ने अपनी अपनी सेवा दी है। सूर्योपासना के महापर्व छठ का पहला अर्घ्य गुरुवार शाम में डूबते सूरज को दिया जाएगा और शुक्रवार को सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा
भक्तिमय हुआ वातावरण
*उग हो सूरुज देव*, *बिरहन पुकारे* *देव दुनु करजोरवा, अरघ के रे बेरवा नु हो... आदि छठ मईया के गीतों से वातावरण भक्तिमय हो गया है*
सजकर तैयार हैं ग्रामीण इलाकों के ये घाट
उधर, ग्रामीण इलाकों में भी घाटों पर आकर्षक व्यवस्था की गई है। साहेब बांध छठ घाट, कोचों छठ घाट, सोहेल छठ घाट, असुरकोडा छठ घाट, सतवरिया छठ घाट, पतराहातू छठ घाट, हकेदाग छठ घाट,बंता के घाट सज कर तैयार हैं। गूंज परिवार की ओर से पर्याप्त रोशनी से लेकर ध्वनि विस्तारक यंत्र तक लगाए गए ।
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