तारकेश्वर महतो/silli(ranchi) बच्चों में जिद करने की आदत बहुत होती है। कोई खिलौना देखा नहीं कि उसे खरीदने के लिए जिद करने लगते हैं। अपनी पसंद की चीज पाने के लिए बीच सड़क पर ही रोने, चिल्लाने और गुस्सा करने लगता। लेकिन इन सबके बीच इन बच्चो का अलग जिद ने परिवार वाले ने राज्य को छोड़ झारखंड के सिल्ली पहुंचना पड़ा। वो भी तीरंदाज सीखने के लिए। कोच डा प्रकाश राम, शिशिर महतो ने बताया कि बिहार नालंदा के मलिकपुर सीलाओ गांव के रहने वाले शिक्षक दीपक कुमार के दो पुत्र आदित्य सिंह, अक्षत सिंह ने बिहार से आर्चरी का प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए पूरे परिवार सिल्ली आए है। दीपक कुमार ने बताया कि आदित्य सिंह महज तीन साल का था हम सभी गांव के पास मेला घूमने गए थे। वह मेले में ही तीर खरीद कर घर लाया उससे काफी दिनों तक खेलने के बाद उसका जिज्ञासा तीर की ओर बढ़ने लगा। कई सालो बाद वह यूट्यूब एवं अन्य न्यूज़ चैनल के माध्यम से बेहतर तीरंदाज सीखने का सेंटर ढूंढने लगा। हम लोग बिहार के ही गया शहर भी गए। परंतु बच्चों की जिद के आगे झुकना पड़ा। ऑन लाइन, न्यूज़ चैनल एवं यूट्यूब पर केंद्र की उपलब्धियां को खुद बच्चों ने देखा। यहां पहुंचने पर सारी सुविधाएं बिरसा मुंडा आर्चरी सेंटर में ही देखने को मिला। ज्ञात हो बिरसा मुंडा आर्चरी सेंटर सिल्ली के विधायक सुदेश कुमार महतो संरक्षक तथा नेहा महतो अध्यक्ष है। दीपक कुमार सेंटर के पास ही मकान किराया पर ले पूरा परिवार रह रहे है। अब दोनो बच्चे बिरसा मुंडा आर्चरी सेंटर में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे है।
जिद के आगे जीत: तीरंदाजी का प्रशिक्षण लेने नालंदा से पहुंचे सिल्ली
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