प्रधानाचार्य नरेंद्र नाथ महतो ने कहा कि खेल जीवन में अनुशासन एवं सहयोग की भावना जागृत करती है तथा इससे शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूती मिलती है। उन्होंने खेल को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि स्वस्थ जीवन में एवं भारत को विश्व में एक पहचान देने के लिए खेलकूद जरूरी है। कार्यक्रम को सफल करने में खेल शिक्षक, सुरेश कुमार महतो, आनंद प्रसाद, उमेश मंडल, सुमंत कुमार, घासी राम महतो, शिक्षिका ललिता महतो, फुलेश्वरी महतो, अनामिका हेम्ब्रम, स्नेहा शालिनी, गयात्री सुदर्शी, कल्याणी कुमारी, अपर्णा कुमारी, प्रियंका कुमारी, मनीषा रानी व पुतुल नीलू नाग का योगदान रहा।
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