सुदेश महतो ने ग्राम प्रधानों से अपील किया कि वे भी आगे आए और गांव के विकास के लिए अपने सुझाव उनके साथ साझा करें। हम अपने स्तर से विकास के सभी प्रयास कर रहे है। लेकिन ग्राम प्रधान के आगे आने और उनके अधिक जागरूक होने पर इसमें और अधिक तेजी आएगी। वहीं पुर्व जिप अध्यक्ष सुकरा सिंह मुंडा, मुखिया सोमरा मांझी, ग्राम प्रधान मदन मुंडा, मदनमोहन सिंह मुंडा, सुशांत सिंह मुंडा, सुखदेव मुंडा, भूतनाथ मुंडा, नारायण सिंह मुंडा, नगेन सिंह मुंडा, जिवधन सिंह मुंडा आदि वक्ताओं ने ये भी कहा कि आदिवासी समुदाय के लोगों के पिछड़ेपन का मुख्य वजह शैक्षणिक, आर्थिक, राजनीतिक, धार्मिक एवं जल जंगल जमीन से बेदखल करना है। यही वजह है कि आदिवासी समुदाय का अस्तित्व धीरे धीरे धीरे मिटता जा रहा है जो गंभीर चिंता का विषय है। वक्ताओं ने आदिवासियों को पूरी तरह से संगठित होकर एक मंच पर आने का आह्वान किया। संचालन प्रखंड प्रमुख जितेंद्र बड़ाइक व सुनील सिंह ने किया। कार्यक्रम के दौरान कस्तूरबा विद्यालय के छात्राओं ने सांस्कृतिक नृत्य की प्रस्तुति से उपस्थित लोगों का मन मोह लिया। इस मौके पर रेंजर राजेश कुमार, बीडीओ रेणु बाला, जयपाल सिंह, सुनील सिंह, पुर्व जिप उपाध्यक्ष चित्तरंजन महतो, पुर्व जिप सदस्य गौतम कृष्ण साहू, संजय सिद्धार्थ, सुशील महतो, कस्तूरबा विद्यालय की वार्डन चंद्रिका कुमारी, मुखिया शर्मिला कुमारी, मुखिया लाल सिंह मुंडा, पुर्व मुखिया डबलू महली, त्रिलोचन महतो, सुभाष महतो प्रखंड अध्यक्ष रविन्द्र करमाली, धीरज महतो समेत ग्राम प्रधान व पाहन उपस्थित थे।
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