GA4-314340326 Vishwa Adiwasi Mahotsav पर दिखा विधानसभा चुनाव का रंग

Vishwa Adiwasi Mahotsav पर दिखा विधानसभा चुनाव का रंग

 

लोक कलाकार व संगीतकार नंदलाल नायक का सीएम हेमंत सोरेन व कल्पना सोरेन ने दिया साथ।


Ranchi (Jharkhand) : राजधानी रांची में दो दिनों तक चला विश्व आदिवासी महोत्सव (Vishwa Adiwasi Mahotsav) शनिवार को संपन्न हो गया। 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस (Vishwa Adiwasi Diwas) के अवसर पर बिरसा मुंडा स्मृति पार्क में मुख्य अतिथि राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार (Santosh Kumar Gangwar) ने इसका उद्घाटन किया था। समापन समारोह के मुख्य अतिथि CM Hemant Soren थे। लेकिन, इस बार के आयोजन में  विधानसभा चुनाव (Jharkhand Assembly election-2024) का रंग दिखा। राज्यपाल ने एक ओर जहां आदिवासी संस्कृति और परंपार की सराहना की, वहीं उन्होंने आदिवासी समाज डायन प्रथा पर चिंता जताई। अपने संबोधन में उन्होंने मुख्यमंत्री से राज्य में पेसा कानून (Pesa Act) लागू करने को कहा। इस मंच से उन्होंने आदिवासी समाज (Tribal Society) को यह संदेश देने का प्रयास  किया कि राज्य सरकार से ज्यादा राजभवन आदिवासियों को उनके पारंपरिक अधिकार देने का हिमायती है। दूसरी ओर, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने महोत्सव के समापन समारोह में झारखंडी कलाकारों के लिए अगले साल विशेष नीति बनाने की घोषणा की। वहीं, जेल से छूटने के दौरान उनके हाथ पर लगाए गए कैदी के निशान को दिखाकर उसे लोकतंत्र की चुनौती का प्रतीक बताया। राजनीतिक विश्लेषक दोनों के भाषणों को विधानसभा चुनाव से जोड़कर देख रहे हैं।

झारखंड की बेटी ज्योति साहू की प्रस्तुति से झूमे दर्शक


झारखंड आदिवासी महोत्सव 2024 में लोग साक्षी बने समृद्ध आदिवासी जीवन दर्शन के। 10 अगस्त यानि समापन दिवस को संस्कृति और इतिहास का अनूठा संगम स्थल बिरसा मुंडा स्मृति पार्क में आयोजित भव्य समारोह में झारखंड की बेटी ज्योति साहू की आकर्षक प्रस्तुति ने लोगों को खूब लुभाया। झारखंड की पार्श्व गायिका  ज्योति ने 7 वर्ष की छोटी सी उम्र में अपनी संगीत यात्रा की शुरुआत की थी। इनका पहला नागपुरी एल्बम "सोने कर पिंजरा" 1995 में रिलीज़ हुआ था, हिंदी, भोजपुरी, नागपुरी, संथाली, खोरठा, कुडुख आदि भाषाओं में लगभग 4,000 ऑडियो-वीडियो एल्बम में अपनी आवाज़ दी हैं। कलाकार प्रभात कुमार महतो एवं उनकी टीम ने झारखंड की संस्कृति को दर्शाने वाले पारंपरिक मानभूम छउ नृत्य से इस भव्य कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए। उल्लास और जोश से भरे कलाकारों ने दर्शकों को खूब झुमाया। मानभूम शैली के छऊ नृत्य में शारीरिक भाव भंगिमा प्रमुख रहती हैं । मानभूम छऊ नृत्य के अभिन्न अंग के रूप में शामिल विभिन्न वाद्ययंत्रों और उनके पारंपरिक स्वरुप ने सभी दर्शकों को अपने अपने जगह पर थिरकने पर मजबूर कर दिया। प्रभात कुमार महतो एवं उनकी टीम के कलाकारों ने 11 देशों में अपनी प्रस्तुति से देश दुनिया में झारखंड की पहचान को गौरवान्वित किया है।

The color of assembly elections was visible on Vishwa Adiwasi Mahotsav

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