angara(ranchi) लोहरा समाज का एकदिनी कार्यशाला शनिवार को अनगड़ा प्रखंड मुख्यालय मैदान में हुआ। अध्यक्षता रामनाथ करमाली ने किया। मुख्य अतिथि समाज के नेतृत्वकर्ता ठुमा तिर्की थे। कार्यशाला में लोहरा समाज के संवैधानिक अधिकारों पर चर्चा की गई। ठुमा तिर्की ने कहा कि लोहरा समाज को एक साजिश के तहत उसके संवैधानिक अधिकारों से वंचित रखा जा रहा है। इस संबंध में समाज ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने कहा कि न्यायालय ने माना कि खतियान में लिपिकीय भूल के कारण लोहार व लोहरा विवाद है। जिससे उन्हें आदिवासी का जाति प्रमाण पत्र निर्गत नहीं किया जा रहा है, जिसे राज्य के अधिकारियों द्वारा स्वीकार किया गया है और सुधार के उपाय अधिकारियों द्वारा समय-समय पर पहले ही उठाए जा चुके है। रिट याचिका के अनुलग्नक-8 में वर्ष 2006 में जारी पत्र भी शामिल किया गया था। रिट याचिका के बाद न्यायालय ने इससे संबंधित छह जिले के उपायुक्त के समक्ष दो सप्ताह के अंदर प्रमाण-पत्रों के साथ जाने का निर्देश दिया है, न्यायालय ने कहा कि चार सप्ताह के अंदर उपायुक्त कानून के अनुसार अनुबंध-8 के आलोक में उचित आदेश पारित करेंगे। मौके पर न्यायालय के निर्देश का स्वागत किया गया। बैठक में कलेश लोहरा, दिलेश लोहरा, कैतका लोहरा, जग्गू लोहरा, संतोष, कृष्णा, राजेश, मोहन, हरखू, संजीव, शंकर, राजकमल, राजकुमार, सोहन, सोमरा, अनुप लोहरा, राहुल बेसरा, विकास लोहरा, महादेव लोहरा आदि उपस्थित थे।
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