सुदेश ने हार ठीकरा भाजपा पर फोड़ा, कहा- हमारे गठबंधन के साथियों में समन्वय न होना भी इस अप्रत्याशित परिणाम का कारण रहा
Ranchi : झारखंड विधानसभा चुनाव का परिणाम आने के 14 दिनों के बाद रविवार को आजसू पार्टी ( AJSU Party ) के केंद्रीय नेता हार की समीक्षा करने के लिए पार्टी कार्यालय में जुटे। पार्टी की हार खासकर अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो की अप्रत्याशित हार से सभी विचलित थे। साथ ही सभी के मन में इस बात को गुस्सा था कि चुनाव के दौरान रणनीति बनाने से लेकर टिकट वितरण तक में उनकी उपेक्षा की गई। हर निर्णय अध्यक्ष बिना किसी से विचार-विमर्श किए खुद लेते गए। नतीजा आज पूरी पार्टी संकट में आ गई है। हार के कारणों की समीक्षा के दौरान नेताओं के बीच जमकर गरमा-गरमी हुई। केंद्रीय महासचिव हसन अंसारी की आवाज में काफी तल्खी दिखी। नेताओं का ग़ुस्सा थोड़ा शांत हुआ तो पार्टी सुप्रीमो सुदेश कुमार महतो बोलने उठे। उन्होंने कहा कि चुनाव में हार-जीत लगा रहता है। परिणाम भले हमारे पक्ष में नहीं रहा, लेकिन हम जनादेश का सम्मान करते हैं। हम जनता के अधिकार और स्वाभिमान की रक्षा के लिए संघर्ष करते रखेंगे। साथ ही, अपेक्षा करते हैं कि इंडिया गठबंधन ने जनता से जो लुभावने वादे किए हैं, सरकार उन्हें पूरे।
धारदार विपक्ष की भूमिका निभाएंगे...
सुदेश ने कहा कि जनहित से जुड़े सकारात्मक मुद्दों में हम सरकार के साथ खड़े रहेंगे लेकिन जहां भी जनविरोधी निर्णय आएंगे वहां हम धारदार विपक्ष की भूमिका निभाएंगे। यह चुनाव इंडिया गठबंधन ने विकास के आधार पर नहीं बल्कि जातीय धुर्वीकरण के आधार पर लड़ा है। जातीय धुर्वीकरण ही इस गठबंधन का आधार है। हमारे गठबंधन के साथियों के साथ समन्वय स्थापित न होना भी इस अप्रत्याशित परिणाम का कारण रहा। आजसू के सभी कार्यकर्ता पहले की तरह जनता के बीच जाएंगे। उनके बीच उनके लिए काम करेंगे और यदि सरकार अपने वादों पर पिछड़ों को 27% आरक्षण तथा 1932 के खतियान आधारित स्थानीय नीति, युवाओं के लिए रोजगार, वृधा व विधवा पेंशन और दिव्यांग यक्तियों के लिए वित्तीय सहायता बढाकर 2500 करने तथा जातीय जनगणना के मुद्दे पर प्रभावी ढंग से आगे बढ़ते नहीं दिखेगी, तो हम इन मुद्दों पर जनता को फिर से गोलबंद करेंगे तथा मूलवासी, झारखंडी एवं पिछड़ों के हित में सामाजिक व राजनीतिक लड़ाई को अपने मुकाम तक पहुंचाएगी। बेरोजगारी इस राज्य में एक बड़ा मुद्दा है। यह समस्या अपने विकरालतम रूप में जनता के सामने खड़ी है। यह देखना होगा कि वर्तमान सरकार किस रूप में और किस हद तक इस समस्या का समाधान करने में रुचि दिखती है।
हम जनता की भावनाएं समझ नहीं सके...
पार्टी के वरीय उपाध्यक्ष सह गिरिडीह सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी ने कहा कि हम जनता की भावनाओं को अच्छे से समझने में नाकाम रहें। स्थानीय मुद्दों का चुनाव से गायब होना जनता को रास नहीं आया। साथ ही सरकार की विफलताओं को जनता के बीच सही से न पंहुचा पाना भी इस चुनाव परिणाम की मुख्य वजहों में से एक रहा। हम जनता के विश्वास को दोबारा जीतने के लिए समर्पित हैं और इसके लिए अपनी रणनीति को मजबूत करेंगे।
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