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मृतका लक्ष्मी देवी |
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मृतक सुदामा गोस्वामी |
प्रदीप कुमार गुप्ता/ Chanho (Ranchi) चान्हो -रांची डालटेनगंज मार्ग ( एनएच 39) में चान्हो थानाक्षेत्र के चटवल मोड़ के निकट तेज रफ्तार कोयला लदा ट्रक सड़क किनारे चल रहे बाइक के ऊपर पलट गया। बाइक में ओपा गांव निवासी 25 वर्षीय सुदामा गोस्वामी अपनी 50 वर्षीय मां लक्ष्मी देवी को लेकर चान्हो ब्लॉक जा रहे थे। ट्रक के नीचे दबकर सुदामा गोस्वामी की मौके पर ही मौत हो गई। वही लक्ष्मी देवी को रिम्स रेफर किया गया है, जहां इलाज के दौरान देर शाम उनकी भी मौत हो गई। ट्रक ( जेएच14के 5297 ) यूपी से कोयला लेकर बंगाल दुर्गापुर जा रहा था। वही दुर्घटना में ट्रक के चालक नगरउंटारी, बिलासपुर के रहने वाले सचिन दूबे 40 वर्ष और खलासी प्रदीप पटेल 37 वर्ष को भी चोटें आई है। इनका इलाज चान्हो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चल रहा है। घटना बुधवार अपराह्न करीब 12 बजे की है। बताया जा रहा है कि ट्रक का चालक सचिन दुबे नशे में धुत था। चालक के नशे में धुत होने और गाड़ी का रफ्तार तेज होने के कारण तीखा मोड़ में चालक का नियंत्रण खो गया और गाड़ी सड़क किनारे चल रहे बाइक के ऊपर पलट गया।
रोज की तरह चना बेचने जा रहे थे मां-बेटा
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दुर्घटना स्थल पर पलटा हुआ ट्रक और जुटी भीड़। |
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इसी बाइक पर सवार थे मां-बेटा। |
मृतक सुदामा गोस्वामी और लक्ष्मी देवी का परिवार बेहद गरीब है। सुदामा के दिव्यांग पिता की मौत पहले ही हो चुकी है। फिलहाल मां बेटा चान्हो ब्लॉक कैंपस में चना-मूढ़ी बेचकर जीवन यापन करते थे। बुधवार को भी मां-बेटा चना मूढ़ी का दुकान लगाने आ रहे थे,और हादसे का शिकार हो गए।दुर्घटना कितना दर्दनाक था, उसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि ट्रक के नीचे दबे होने के कारण मृतक सुदामा का हाथ और पैर अलग अलग हिस्सों में बंट गया था। जिसको इकठा कर प्लास्टिक में बांधकर पोस्टमार्टम के लिए रिम्स भेजा गया। इससे पहले दुर्घटना के बाद वहां अफरा तफरी मच गई। मौके पर ही सुदामा गोस्वामी की मौत हो गई थी। जबकि उसकी घायल मां लक्ष्मी देवी ट्रक के नीचे फंसी थी और चिल्ला रही थी। चटवल मोड़ के स्थानीय लोगों ने साहस दिखाते हुए तत्काल जेसीबी बुलाकर किसी तरह घायल को बाहर निकाला और अस्पताल भेजा। लेकिन देर शाम इनकी भी मौत हो गई।
देखिए किस तरह मौत बनकर बाइक पर पलटा ट्रक
चालक ने कबूला: नशे में ट्रक चला रहा था
दो माह पहले शादी मेें मिली थी सेकेंड हैंड बाइक
मृतक सुदामा गोस्वामी की शादी दो-तीन माह पहले ही हुई थी। ससुराल वालों ने दहेज में सेकेंड हैंड बाइक दिया था। उसी बाइक से वह अपनी मां को लेकर दुकान लगाने जा रहे थे। दो भाईयों में सबसे बड़ा सुदामा गोस्वामी अपने पिता की मौत के बाद इकलौता कमाऊ सदस्य था। सुदामा घूम घूम कर चना मूढ़ी बेचता था, जबकि उसकी मां ब्लॉक कैंपस और बाजार में चना मूढ़ी बेचती थी।
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