लोककला व संगीत को बचाने की अनूठी पहल: जैलेन्द्र कुमार
जैलेन्द्र कुमार ने कहा कि लोककला व संगीत को बचाने का यह एक अनूठी पहल है। सरकार को भी अखड़ा संस्कृति को बचाने व इसे बढ़ावा देने की जरूरत है। मुकुंद नायक स्वयं में लोकगीत व संगीत का विश्वविद्यालय है। वे स्वयं आपके घर आये है इनसे सीखने की जरूरत है। पदमश्री मुकुंद नायक ने कहा कि स्कूली पाठयक्रम में लोकगीत व संगीत को शामिल किया जाए। साथ ही प्रत्येक गांव में अखड़ा का निर्माण हो। झारखंड की पहचान इसका लोकगीत व संगीत है। प्रशिक्षण अभिषेक बड़ाइक, नूतन लकड़ा, लक्ष्मी कच्छप, बानेश्वर नायक, रामेश्वर मिंज, दुर्योधन नायक, किशोर महली, किशोर कच्छप दे रहे है। इस मौके पर ग्रामीण संयोजक महानंद नायक, सहायक संयोजक किशोर नायक, जयशंकर मुंडा, बनफूल नायक, चन्दन मिश्रा, रामकुमार नायक, अनिता देवी, बाबूलाल मुण्डा, अनीत नायक, संजय नायक, बालकिशुन नायक, सूरज नायक, छोटेलाल नायक, चंदन नायक, राजकुमार मुंडा, रूपेश नायक, गजेन्द्र नायक, विजय करमाली आदि उपस्थित थे।
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