GA4-314340326 मास द्वारा कराये जा रहे कृषि विकास को देखने पहुंचे भारतीय वन सेवा के अधिकारी

मास द्वारा कराये जा रहे कृषि विकास को देखने पहुंचे भारतीय वन सेवा के अधिकारी

angara(ranchi) भारतीय वन सेवा (आईएफएस) के प्रशिक्षु व अन्य सेवारत अधिकारियों का एक दल सोमवार को मोबाइल एग्रीकल्चरल स्कूल एंड सर्विसेस(मास) संस्थान का प्रशिक्षण अध्ययन करने पहुंचा। दल ने मास द्वारा कृषि विकास को लेकर कराये जा रहे वर्क कल्चर का अध्ययन किया। कृषि विकास की योजनाओं का भौतिक निरीक्षण किया। मास संस्थान में लगाए गए विभिन्न फलदार पौधों को लगाने की तकनीकों का अध्ययन किया। विदेशी किस्मों के सब्जियों के उत्पादन पर चर्चा की। आलू और टमाटर के एक ही पौधे में उगाए जाने की तकनीक को देखकर आश्चर्य व्यक्त किया और इसकी सराहना की। मास के एक्सटेंशन सिस्टम के बारे में जानकारी ली और इसे एक प्रभावी मॉडल के रूप में पहचाना, जो किसानों को अपने ही गांव में रहते हुए उन्नत कृषि तकनीकों की शिक्षा प्रदान करता है। सभी अधिकारियों ने इस पहल को भारत में पहला चलन्त प्रशिक्षण केंद्र बताया, जो किसानों को सही वातावरण में तकनीकी रूप से सशक्त कर रहा है। वन सेवा के अधिकारियों ने ज़मीन के अंदर ओईस्टर मशरूम उत्पादन की तकनीक को सराहा और कहा कि यह किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण आर्थिक अवसर साबित हो सकता है। मास संस्थान पहुंचने पर सभी अधिकारियों ने कृषि के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए मास के सचिव विजय भरत को मोमेंटो देकर सम्मानित किया। कृषि के क्षेत्र में मास के योगदान की सराहना किया। इस अवसर पर भारतीय वन सेवा के महाराष्ट्र कैडर के कुमार स्वामी, सईपुन इमाम शेख, उमेश गोरखनाथ, जगताप किरण सुरेश, कर्नाटक कैडर के शिंदे निलेश दौबा, पीए सीमा, विशाल सुरवे (गोवा), अमरीश कुमार मल्ल(बिहार), सुरेश कुमार मीणा(राजस्थान), अशोक कुमार(छत्तीसगढ़) व अनिकेत गोवानकर(गोवा) सहित भारतीय वन उत्पादकता विभाग के एक्सटेंशन हेड रवि सुसाना कुजूर, वैज्ञानिक बबली कुमारी, वीर सिंह गौतम, सीनियर वैज्ञानिक डॉ. रविशंकर प्रसाद, अरविंद कुमार आदि शामिल थे।  

Post a Comment

please do not enter any spam link in the comment box.

أحدث أقدم