*एक साल के भीतर पुनासी डैम से मिलेगा पानी
* जल संसाधन मंत्री ने विस्थापितों के साथ की बैठक
बैठक में अपनी बात रखते मंत्री हफीजुल हसन। |
Deoghar (Jharkhand): देवघर शहर में पानी की समस्या के स्थायी समाधान के लिए राज्य सरकार के स्तर से पहल शुरू हो गई है। जल संसाधन मंत्री हफीजुल हसन ने कहा है कि एक साल के भीतर पुनासी जलाशय योजना से देवघर शहर को पानी पहुंचाया जाएगा। पुनासी जलाशय योजना के विस्थापितों के साथ जल संसाधन मंत्री हफीजुल हसन ने शनिवार को डैम के गेस्ट हाउस में बैठक के दौरान उक्त आश्वासन दिया। इस मौके पर मंत्री विस्थापितों की समस्या से रू-ब-रू हुए। ऐसा पहली बार हुआ है, जब कोई जल संसाधन मंत्री विस्थापितों का दर्द सुनने विस्थापन स्थल पर गए। स्थानीय विधायक सुरेश पासवान की पहल पर मंत्री-विस्थापित लोगों के बीच संवाद का आयोजन किया गया था। इसमें विस्थापितों ने अपनी समस्याएं मंत्री के समक्ष रखी, जिसपर मंत्री ने हर संभव मदद का भरोसा दिया। विस्थापितों की समस्या सुनकर मंत्री ने तुरंत गेस्ट हाउस में जल संसाधन विभाग के अधिकारियों की बैठक बुलाई और एक-एक समस्या पर उनसे चर्चा कर उसके समाधान का निर्देश दिया।
काशीडीह से जीरोमाइल तक बनेगा PWD रोड
विस्थापितों को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा कि जल संसाधन विभाग की जिम्मेदारी मुझे मुख्यमंत्री ने इसलिए दी है कि विस्थापितों की पुरानी समस्याओं का समाधान हो सके। पिछले दिनों राज्यपाल के अभिभाषण के दौैरान किसी विभाग का फंड का जिक्र नहीं किया गया है, लेकिन जल संसाधन विभाग को दस हजार करोड़ मिला है। यह पैसे विस्थापितों की समस्या के समाधान के लिए दिया गया है। मंत्री बनने के बाद जल संसाधन से संबंधित पहली बैठक पुनासी के विस्थापितों के साथ कर रहा हूं। यह मेरा भी क्षेत्र है। इसलिए काशीडीह से जीरोमाइल तक पीडब्ल्यूडी द्वारा रोड बनाने की अनुशंसा मेरे स्तर से की गई है। रोड का डीपीआर तैयार हो रहा है। मैं भी किसान परिवार से आता हूं और विस्थापितों के दु:ख-दर्द को समझता हूं। लोगों के कहने से पहले उनकी मांगों को पूरा करने के लिए हमेशा मैं प्रयासरत हूं। ऐसे कई गांव हैं, जहां के लोग 50 साल से वोट दे रहे हैं, पर वहां विकास नहीं हुआ है।
कैनाल नहीं, पाइप लाइन से पहुंचेगा पानी
पिछली समीक्षा बैठक में पुनासी से पानी ले जाने को लेकर नई योजना तैयार हुई है। अब पानी ले जाने को लेकर जो भी काम होगा, वह कैनाल के द्वारा नहीं होगा। इसे पाइप लाइन के जरिए करना है। पहले सिर्फ नीचे ही पानी देने की योजना थी, लेकिन अब डूब क्षेत्र के ऊपर लिफ्ट एरीगेशन के जरिए पानी पहुंचाना है। विधानसभा में हमलोग ट्रेजरी बेंच में बैठते हैं। विधानसभा में मंत्री प्रश्न नहीं कर सकता है। वह सरकार होता है और सिर्फ जवाब देता है। इसलिए देवघर विधायक से अनुरोध है कि विधानसभा में पुनासी जलाशय योजना के विस्थापितों की समस्या को उठाएं, ताकि उस पर तुरंत अग्रतर कार्यवाही हो सके। भले ही यह मेरा विभाग ही क्यों न हो। विधानसभा में उठाए गए सवालों पर तुरंत एक्शन होता है। असल में यह काम पहले हो जाता, लेकिन दो बार सुरेश पासवान देवघर से नहीं जीत पाए। अगर पिछली सरकार में रहते तो विस्थापितों की समस्या का समाधान कब का हो जाता। लेकिन घबराने की कोई बात नहीं है। सुरेश पासवान दस साल नहीं जीत पाए तो क्या हुआ। उनके दस सालों के कार्य की पूर्ति मेरे स्तर से होगी।
ग्वाल-संथाल बदिया के बीच उच्च स्तरीय पुल बनेगा
विस्थापितों की मांग की है कि यहां एक उच्च स्तरीय पुल बने, ताकि लोगों को 45 किमी घूम कर देवघर मुख्यालय नहीं जाना पड़े। अब पुल जल संसाधन विभाग से बनेगा, पीडब्ल्यूडी से बनेगा या स्पेशल डिवीजन से बनेगा, इस पर बात हो रही है। ग्रामीणों की मांग पर पुल निर्माण की स्वीकृति दे दी गई है। यह पुल ग्वालबदिया और संथाल बदिया को जोड़ेगी। विस्थापितों के मुआवजे को लेकर विभागीय अधिकारियों से बात हुई है। इसमें तेजी आएगी। वन विभाग और एनजीटी से एनओसी के मुद्दे पर भी विभागीय अधिकारियों से बात हुई है। जल्द से इन सारी समस्याओं का समाधान करेंगे। पुनासी डैम एक पर्यटन स्थल के रूप में उभर रहा है, इसे कैसे विकसित किया जा सकता है, इस पर विचार कर रहे हैं।
विस्थापन नीति के अनुसार विस्थापितों को मिले लाभ : सुरेश
बैठक में विधायक सुरेश पासवान ने कहा कि विस्थापितों को 25 डिसमिल जमीन और नौकरी देने का विभाग ने भरोसा दिया था। इसमें 113 लोगों को नौकरी मिल गई है, लेकिन बाकी छूटे हुए लोगों को अबतक न नौकरी मिली है और न ही 25 डिसमिल जमीन। 2012 में विस्थापन नीति बनी, जिसमें नौकरी के प्रावधान को खत्म कर दिया गया है। नौकरी की जगह पर एक परिवार के रोजगार के लिए सवा दो लाख रुपए देने का प्रावधान किया गया है। 2012 के विस्थापन नीति के अनुसार विस्थापितों को जो लाभ मिलना चाहिए, वो अबतक तक नहीं मिला है। मंत्री से अनुरोध है कि विस्थापन नीति के अनुसार विस्थापितों को लाभ मिले। विस्थापित परिवार को सवा दो लाख रुपए देने का प्रावधान 2012 में बनाया गया था और आज 2025 हो गया है। इस तेरह साल के दौरान महंगाई कई गुणा बढ़ी है। ऐसे में सूद समेत विस्थापितों को सवा दो लाख रुपए मिलना चाहिए। यानी 13 साल का ब्याज जोड़ कर विभाग विस्थापितों को दे। शुरूआत में पुनासी जलाशय योजना का प्राक्लन मात्र 26 करोड़ था, जो आज बढ़कर 1851 करोड़ हो गया। पुनासी जलाशय योजना के पूरा होने के बाद किसान अपने खेतों के लिए पानी और शहर के लोग पीने का पानी मांग रहे हैं। लेकिन काम काफी धीमा है। इसमें तेजी लाई जाए।
बैठक में ये थे मौजूद
बैठक में झामुमो जिलाध्यक्ष संजय शर्मा, जिला प्रवक्ता सुरेश साह, जिला संयुक्त सचिव सूरज झा, युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष राहुल चंद्रवंशी, दिलावर हुसैन, श्यामकांत झा, राजद जिलाध्यक्ष डॉ. फणिभूषण यादव, काशी प्रसाद यादव, जिप सदस्य मुकेश यादव, मीडिया प्रभारी प्रमोद यादव, कांग्रेस के जिलाध्यक्ष प्रो. उदय प्रकाश, महासचिव दिनेश मंडल, वरिष्ठ नेता दिनेशानंद झा, गुलशन तारा, बबीता राव पटेल, हैदर खान, शाहिद खान, सुभाष राय, अर्जुन यादव, विजय यादव समेत जल संसाधन विभाग के अधिकारी मौजूद थे।
Water shortage will be resolved in Deoghar city: Minister
إرسال تعليق
please do not enter any spam link in the comment box.