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ऑनलाइन एनएमएस में अपलोड फोटो। |
Giridih : महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम यानी मनरेगा। केंद्र सरकार ने यह योजना गरीबों और दिहाड़ी मजदूरों के लिए शुरू की थी। लेकिन, गिरिडीह जिले में देवरी और गांवा दो ऐसे प्रखंड हैं, जहां मनरेगा में काम करनेवाले मजूदर सूट-बूट और टाई पहन कर कुदाल-गइंता चलाते हैं। ये सब सरकारी बाबुओं की कृपा से संभव हो सका है। यहां तक पढ़कर आप कुछ तो अनुमान लगा ही लिए होंगे कि मामला क्या है। दरअसल, मनरेगा के तहत देवरी प्रखंड की चिकनाडीह पंचायत में तालाब और डोभा निर्माण चल रहा है। MSR नं.-30352, 30336 और 30329 कार्य में ऑनलाइन एनएमएस में सूट- बूट और टाई लगाए विदेशी महिला व पुरुषों की तस्वीर अपलोड की गई है। अब सवाल यह उठता है कि क्या मनरेगा के तहत देवरी में 237 रुपए की हाजरी पर विदेश से मजदूर आते हैं? और आते भी हैं तो सू-बूट और टाई लगाकर कुदाल-गंइता चलाते हैं? हालांकि, तस्वीर में सब लोग पोज देकर फोटो खिचवाते नज़र आ रहे हैं। इससे लग रहा है कि संभवतः यह तस्वीर गूगल से निकाली गई है। दूसरी ओर, गांवा प्रखंड की मालडा पंचायत के ग्राम सीरी में डोभा निर्माण योजना (MSR न.-14652) में भी ऐसे ही फर्जी फोटो अपलोड किए गए हैं। इन सब मामलों से तिसरी प्रखंड भी अछूता नहीं है। यहां भी चल रहे मनरेगा योजनाओं में भारी गड़बड़झाला है। मनरेगा योजना में धड़ल्ले से जेसीबी मशीन चलाई जाती है। अब सबसे बडा सवाल यह उठता है कि क्या विभाग द्वारा ऑनलाइन अपलोड फोटो को चेक नहीं किया जाता या चेक किया जाता है तो यह गड़बड़झाला हो कैसे रहा है। कहीं ना कहीं यह विभागीय संलिप्तता को साफ तौर पर दर्शाता है। यूँ कहें तो मजदूरों के लिए बनाई गई यह योजना केवल बिचौलियों, मनरेगा कर्मी और सरकारी बाबूओं के काम आ रही है। यह सब मिलकर मनरेगा की मलाई खा रहे हैं और सरकारी राशि का बंदरबांट कर रहे हैं। अगर ईमानदारी से जांच हुई तो और कई चौंकाने वाले मामले सामने आ सकते हैं। इस मामले में मनरेगा लोकपाल तमन्ना परवीन ने कहा कि मामले की जांच करेंगे, यह काफी गंभीर मामला है।
Giridih: In Deori and Gaona blocks, workers working wearing suits, boots and ties will MGNREGA!
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