देवघर शिव बारात की इनसाइड स्टोरी
सांसद निशिकांत दुबे ने रुचि दिखाई तो राज्य सरकार की भृकुटि तनी, दिया फरमान-पर्यटन विभाएग निकालेगी शिव बारात
- शिव बारात निकालने को लेकर दो समितियों में चल रहे वर्चस्व पर बड़ा एक्शन
- अब पर्यटन विभाग के जिम्मे शिव बारात की पूरी व्यवस्था, डीसी ने दी जानकारी
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सांसद निशिकांत दुबे अब |
Deoghar : महाशिवरात्रि पर देवघर में निकलने वाली शिव बारात अब पर्यटन विभाग निकालेगी। गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे दो साल से शिव बारात में रुचि दिखा रहे हैं। अलबत्ता राज्य सरकार ने इस बार फरमान जारी पर्यटन विभाग को शिव बारात निकालने का आदेश दिया है। इस बार शिव बारात निकालने को लेकर बाबा बलियासे और अभिषेक आनंद झा के नेतृत्व वाली दोनों समितियां तैयारी में जुटी हुई थी। दोनों समितियां दावा कर रही थी कि वे शिव बारात निकाल रहे हैं। दोनों समितियों के बीच बारात पर वर्चस्व को देखते हुए राज्य सरकार ने पर्यटन विभाग को बारात निकालने की जिम्मेदारी सौंपी दी है। देवघर डीसी विशाल सागर ने बताया कि शिव बारात जिले के लिए एक महत्वपूर्ण आयोजन है। इसकी ख्याति देश-विदेशों में है। विभिन्न संस्था, व्यक्तियों के प्रयास से शिव बारात को ख्याति प्राप्त हुई है। जिला प्रशासन को निर्देश है कि इस बार शिव बारात का आयोजन पर्यटन विभाग करेगी। इसे और भव्य तथा सुचारू रूप से आयोजित किया जाएगा। जिससे शिव बारात की ख्याति और बढ़े, ताकि विभिन्न स्थानों से दर्शनार्थी यहां आए और इसमें भाग ले। शिव बारात का पूरा आयोजन पर्यटन विभाग करेगी। झांकियां निकलने से लेकर शहर की सजावट समेत अन्य सारे काम पर्यटन विभाग के जिम्मे होगा। इसमें विभिन्न संस्थाओं और प्रबुद्ध लोगों का सहयोग लिया जाएगा, ताकि बारात और भव्य तरीके से निकले।
1994 से देवघर में निकल रही है शिव बारात
उल्लेखनीय है कि देवघर में 1994 से शिव बारात निकाले जाने की परंपरा है। शिवरात्रि महोत्सव समिति इस बारात का आयोजन कर रही थी। लेकिन दो साल से आयोजन समिति को लेकर विवाद खड़ा हो गया था। इस बार तो दोनों ही आयोजन समितियां शिव बारात निकालने की तैयारी कर रही थी। इस विवाद को देखते हुए राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि अब पर्यटन विभाग देवघर में शिव बारात निकालेगी।
सांसद का पोस्ट- शिव बारात के पीछे की साजिश का खुलासा करूंगा
उधर, गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट (फेसबुक) पर पोस्ट किया है कि सरदार पंडा की लड़ाई ने देवघर बाबा बैद्यनाथ मंदिर का सरकारीकरण कर दिया गया। अब शिव बारात भी देवघरवासियों के हाथ से निकलकर सरकार के पास चली गई। इसके पीछे की साजिश का 15-16 फरवरी को देवघर में प्रेस कांफ्रेंस के जरिए खुलासा करूंगा।
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