angara(ranchi) सिकिदिरी के भूसूर में श्रीश्री शिव मंदिर प्राण प्रतिष्ठा सह भागवत सप्ताह ज्ञान में शुक्रवार को वृन्दावन धाम मथुरा की पूज्य दीदी सुनीता साध्वी ने कथा वचन में गज और ग्रहा के मोक्ष और समुद्र मंथन का विस्तृत वर्णन किया। कहा कि समुद्र मंथन से हमें सीख मिलती है कि यदि मानव मन स्वयं अपने मन का मंथन करता है तो निःसंदेह उसके अंदर अमृत समान विचार और विष के समान कुविचार दोनों ही उत्पन्न होते है। जो मानव अमृत समान विचारों को अपनाता है वह मानव कल्याण पथ की ओर अग्रसर होता है। भारत की पावन भूमि में मनुष्य क्या यहां पशु-पक्षी भी भगवान के अनन्य भक्त बनकर मोक्ष की प्राप्ति की है। ईश्वर की साधना हमें मोक्ष की ओर ले जाती है। मौके पर आयोजन समिति के अध्यक्ष रामप्रसाद महतो, राजेंद्र महतो, नेवालाल महतो, गणेश किशोर महतो, कमल महतो, कौशल किशोर महतो, मुकेश महतो, रामप्रसाद महतो, डिप्टी महतो, बालेश्वर महतो, आशा देवी, शंकर महतो, कामेश्वर महतो, मंजू देवी, हेमंत कुमार, तापेश्वर महतो, झबुलाल महतो, जयलाल महतो, संदीप महतो, रोहित महतो, कामेश्वर महतो आदि शामिल थे।
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