* केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह पहुंचे देवघर, चैंबर का मिला प्रतिनिधिमंडल
* देवघर में बैद्यनाथ हाट और निफ्ट की स्थापना की मांग
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केंद्रीय कपड़ा मंत्री को ज्ञापन सौंपते चैंबर के पदाधिकारी। |
Deoghar : बांका से दिल्ली लौटने के क्रम में केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह रविवार को देवघर पहुंचे। एयरपोर्ट पर संताल परगना चैंबर आॅफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज एक प्रतिनिधिमंडल केंद्रीय मंत्री से मिला और दिल्ली हाट की तर्ज पर बैद्यनाथ हाट तथा नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलोजी (NIIFT) की स्थापना की मांग की। केंद्रीय मंत्री के साथ खगड़िया सांसद राजेश वर्मा भी थे। प्रतिनिधिमंडल में चैंबर अध्यक्ष आलोक मल्लिक, महासचिव रितेश टिबड़ेवाल, कोषाध्यक्ष प्रिंस सिंघल, कार्यकारिणी सदस्य संजय मालवीय और महेश लाठ शामिल थे। अध्यक्ष आलोक मल्लिक ने बताया कि कपड़ा मंत्री से देवघर के लिए दिल्ली हाट की तर्ज पर बैद्यनाथ हाट तथा नेशनल इंस्टीट्यूट आॅफ फैशन टेक्नोलोजी की स्थापना की मांग की है। इस संबंध में उन्हें चैंबर की ओर से ज्ञापन भी सौंपा गया है।
देवघर में उद्योग व व्यापार के क्षेत्र में विकास की प्रबल संभावनाएं
चैंबर ने मंत्री से कहा है कि झारखण्ड राज्य की सांस्कृतिक राजधानी देवघर धार्मिक, आध्यात्मिक, पर्यटन, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं, उद्योग व व्यापार आदि के क्षेत्र में विकास की प्रबल संभावनाओं को समेटे काफी तेजी से विकसित होने वाला शहर है। विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला सहित तीर्थ, अध्यात्म और पर्यटन के लिए सालोंभर यहां भारी संख्या में लोगों की लगातार आवाजाही होती है। द्वादश ज्योतिर्लिंग बाबा बैद्यनाथ मंदिर के कारण प्रमुख मेला, त्योहारों के अलावे सामान्य दिनों में भी यहां प्रतिदिन 10 से 20 हजार लोगों की आवाजाही होती रहती है। देवघर की आर्थिक दशा और दिशा का सबसे बड़ा केन्द्र बिन्दु स्वयं बाबा भोलेनाथ और बाबा मंदिर ही है। इसके अलावे ठाकुर अनुकुल चंद्र का सत्संग आश्रम, योगगुरु स्वामी सत्यानंद जी की रिखियापीठ, श्री मोहनानन्द आश्रम, पागल बाबा आश्रम सहित अनेक आध्यात्मिक केन्द्रों में देश-विदेश से लोगों का आवागमन यहां होता है।
हस्तशिल्प, आर्टिसन, कला और संस्कृति को मिलेगा बढ़ावा
परंतु तीर्थ, धार्मिक और पर्यटन के लिए यहां आने वाले यात्रियों को अतिरिक्त समय बिताने, घुमने तथा स्थानीय हस्तशिल्प, आर्टिसन, कला और संस्कृति के दर्शन, प्रदर्शनी और खरीददारी के लिए कोई भी स्तरीय सुविधा उपलब्ध नहीं है। जबकि देश के कई धार्मिक और पर्यटन केन्द्रों में ऐसे कई स्थानीय बाजार तथा सांस्कृतिक केन्द्रों की सुविधा उपलब्ध होते हैं। चैंबर ने कपड़ा मंत्रालय के अंतर्गत प्रचलित योजना राष्ट्रीय हस्तशिल्प विकास कार्यक्रम के अंतर्गत बैद्यनाथ हाट के नाम से शहरी हाट के निर्माण की मांग की है, जिसमें बिक्री के लिए स्टॉल, शिल्पकारों के लिए छात्रावास, सम्मेलन हॉल और गेस्ट हाउस, फूड कोर्ट, सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए मंडप व स्टेज, मीटिंग व सम्मेलन कक्ष, स्मारिका दुकान, स्टोर रूम और अत्याधुनिक शौचालय की सुविधा एक ही स्थान पर बनाए जाते हैं। चैंबर का मानना है कि इससे यहां आने वाले यात्रियों के साथ-साथ स्थानीय लोगों को भी अनेक फायदे होंगे।
स्थानीय उत्पाद को मिलेगा बड़ा फलक
इससे जहां स्थानीय हस्तशिल्पियों को प्रशिक्षण, उत्पादों की बिक्री और प्रदर्शनी का लाभ मिलेगा, वहीं स्थानीय कला एवं संस्कृतिप्रेमियों को भी उनकी कलाओं को समृद्ध करने, प्रदर्शित करने और सांस्कृतिक आयोजनों के लिए मंच मिलेगा। वहीं मंत्री से नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलोजी की स्थापना की मांग की गई है। चैंबर ने कहा कि उत्तरप्रदेश, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और केरल में निफ्ट की स्थापना वहां के राजधानियों की जगह रायबरेली, जोधपुर, कांगड़ा, कन्नूर में की गई है। अत: झारखण्ड राज्य में भी प्रस्तावित निफ्ट का केंद्र देवघर में बनाने पर विचार किया जाना चाहिए, जिससे राज्यों की राजधानियों के साथ-साथ विभिन्न शहरों में प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना करके संतुलित क्षेत्रीय विकास सुनिश्चित किया जाए। देवघर फैशन और कपड़ा उद्योग में शिक्षा, उद्यमिता और रोजगार को बढ़ावा देने की अपार संभावनाओं वाला एक तेजी से विकसित हो रहा शहर है। यहां हवाई अड्डा, रेल और सड़क मार्ग की मजबूत कनेक्टिविटी है। दुमका, देवीपुर, जसीडीह और गोड्डा के साथ बिहार के भागलपुर, बांका, जमुई आदि सीमावर्ती जिलों के कारण देवघर समृद्ध कपड़ा और शिल्प क्लस्टरों का घर है।
निफ्ट की स्थापना से छात्र-छात्राओं को होगी सुविधा
निफ्ट के छात्रों को उद्योग भ्रमण, इंटर्नशिप और व्यावहारिक परियोजनाओं की आवश्यकता होती है, जो देवघर को एक आदर्श शिक्षण वातावरण बनाता है। निफ्ट के यहां बनने से आर्थिक और सांस्कृतिक प्रभाव भी महत्वपूर्ण है। यह पारंपरिक शिल्प को पुनर्जीवित करेगा, क्षेत्रीय कारीगरों को बढ़ावा देगा और आधुनिक तकनीक के साथ कपड़ा उत्पादन को उन्नत करेगा। यह निवेशकों को आकर्षित करेगा, स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा और फैशन, कपड़ा और संबद्ध उद्योगों में रोजगार के अवसर पैदा करेगा। दोनों मांगों पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने चैंबर को सकारात्मक आश्वासन देते हुए कहा है कि भारत सरकार निश्चित रूप से इस पर पहल करेगी।
Demand to establish Baidyanath Haat and NIIFT in Deoghar from Union Minister
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