angara(ranchi) भूसूर में चल रही भागवत कथा में रविवार को वृन्दावन धाम मथुरा की पूज्य दीदी सुनीता साध्वी ने कथा वाचन में भगवान कृष्ण द्वारा इंद्र के अहंकार को तोड़ने का रोचक वर्णन किया। कहा कि हिंदू धर्मग्रंथ, भागवत पुराण के अनुसार जब गोकुलवासी इंद्र देव की पूजा करते थे। एक दिन भगवान कृष्ण ने उन्हें भगवान इंद्र की पूजा न करने और गोवर्धन पहाड़ी की पूजा करने के लिए कहा। सभी लोगों ने कृष्ण की बात मानकर अन्नकूट की पूजा प्रारंभ कर दी। इस बात से भगवान इंद्र अति क्रोधित हो गए और उन्होंने मूसलाधार बारिश करना शुरू कर दिया, जिससे गोकुल में कोहराम मच गया। तब भगवान कृष्ण ने इंद्र के प्रकोप से बचाने के लिए पूरे गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठा लिया था। श्रीकृष्ण की दिव्य शक्तियों को पहचानकर इंद्र देव शांत हो गए और उन्हें अपनी गलती का एहसास हुआ, जिसके लिए उन्होंने क्षमा मांगी और बारिश बंद कर दी। मनुष्य को भी अहंकार त्याग कर गरीब, असहायों के सेवा करनी चाहिए। अहंकार हमें ईश्वर से दूर कर देता है। मौके पर आयोजन समिति के अध्यक्ष रामप्रसाद महतो, राजेंद्र महतो, नेवालाल महतो, गणेश किशोर महतो, कमल महतो, कौशल किशोर महतो, मुकेश महतो, रामप्रसाद महतो, डिप्टी महतो, बालेश्वर महतो, आशा देवी,शंकर महतो, कामेश्वर महतो, मंजू देवी, हेमंत कुमार,तापेश्वर महतो, झबुलाल महतो, जयलाल महतो, संदीप महतो, रोहित महतो, कामेश्वर महतो आदि शामिल थे।
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