GA4-314340326 silli/ मारवाड़ी समाज ने परंपरा निभाया, गोइठा से किया होलिका दहन

silli/ मारवाड़ी समाज ने परंपरा निभाया, गोइठा से किया होलिका दहन

silli(ranchi)  एक ओर जहां हर गली मोहल्ले के साथ गांव-गांव में होलिका दहन में लकड़ी जलाई जाती है वहीं दूसरी ओर मारवाड़ी समाज इसमें अपनी अलग परंपरा का पालन पीढ़ियों से करता आ रहा है। यह समाज लकड़ी नहीं गोबर के कंडों(गोइठा) से होलिका दहन को आज भी कायम रखे हुए है। सिल्ली बजार के पुराने यूनियन बैंक के समीप वर्षों से यह परंपरा निभाई जा रही है। होलिका दहन के लिए मारवाड़ी समाज के लोग पूरे परिवार के साथ होलिका दहन स्थल पर पहुंचकर पूजा अर्चना करते हैं। सुबह से लेकर दहन तक पूजन विधि में महिलाएं जुटी रहीं। 

सुबह से ही गोबर से बने कंडे, माला, रोली, कुमकुम, फूल व चावल से होलिका पूजन होता रहा। रात 10 बजे के बाद मुहूर्त के अनुसार लोगों ने होलिका दहन किया गया। मारवाड़ी समाज में होलिका दहन का एक विशेष स्थान है। समाज के लोग पूरे विधि-विधान के साथ होलिका दहन करते हैं। जहां प्रत्येक घर से महिलाएं गोबर का बड़कुला (कंडा) व होलिका तैयार कर दहन स्थल पहुंची। दहन कर समाज की कुरीतियों को दूर करने का संकल्प दोहराया। इसके बाद समाज के लोगों ने होलिका दहन के आग में चना को सेंककर प्रसाद के रूप में ग्रहण किया। इसके अलावा राजवाड़ी परीसर, महावीर चौक, स्टेशन रोड समेत कई जगहों पर भी  लोगों द्वारा होलिका दहन किया गया इससे पूर्व पूजा अर्चना की गई एवं प्रसाद बांटी गई।

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