silli(ranchi) सिल्ली विधानसभा आजसू पार्टी महिला समिति के तत्वावधान में सिल्ली प्रधान कार्यालय के समीप स्थित आम बगान में शनिवार को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस समारोह का आयोजन किया गया। समारोह में पुर्व उप मुख्यमंत्री सुदेश कुमार महतो, पुर्व जिप अध्यक्ष सुकरा सिंह मुंडा, जिप उपाध्यक्ष वीणा चौधरी, जिप सदस्य मंजु सिंह मुंडा, प्रमुख जितेंद्र बड़ाइक उपप्रमुख आरती देवी आदि शामिल हुई। कार्यक्रम की अध्यक्षता पुर्व उपप्रमुख शीला साहु एवं संचालन चंचला भोगता ने किया। इस मौके पर सुदेश महतो ने कहा कि आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस है। पुरुष प्रधान समाज ने हज़ारो वर्षों से महिलाओं को दोयम दर्जा बनाके रखा गया है। हमारे समाज में महिलाओं को चौखट और घूंघट के सीमाओं में समेटकर उसे राजनैतिक आर्थिक एवं सामाजिक अधिकरों से वंचित रखा गया है। आज के दिन का ये महत्व है की व्यवस्था में बैठे लोग ऐसी नीतियाँ बनायें, ऐसे उपाय निकालें और ऐसे विचारधारा पर काम करें की महिलाओं को उसका अधिकार मिल सके। हज़ारो वर्षों बाद भी महिला विकास और महिला सशक्तिकरण पुरुष प्रधान समाज में एक ज्वलंत समस्या के रूप में मौजूद है। महिला विकास का अर्थ उसके हाथो में कुछ पैसे दे देना नहीं है। महिला विकास का अर्थ उसके भरण पोषण तक सीमित भी है। महिला विकास का अर्थ उसके समग्र उत्थान से है। राजनीतिक व्यवस्था में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने से है। सामाजिक व्यवस्था में उसकी महत्व स्थापित करने से है। आर्थिक ढाँचे में उसके हिस्सेदारी सुनिश्चित करने से है। यह सभी लक्ष्य उनके हाथो में चंद रूपया देने से हासिल नहीं होंगे। चंद रूपया तो महिलाओं के अपार पीड़ा को सिर्फ़ तत्कालीन रूप से कम भर करेगा। इसका स्थायी निराकरण नहीं करेगा। इसका स्थायी निराकरण उन्हें उच्च शिक्षा देकर, उचित स्वस्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराकर, बाज़ार में रोजगार पाने के लिए आवश्यक कौशल से लैस कर तथा क़ानून बनाकर न्यायपालिका व विधाइका में तथा सरकारी नौकरियां में इनके आबादी के अनुपात में इनकी हिस्सेदारी सुनिश्चित कर ही महिला अधिकार, महिला सशक्तिकरण तथा अर्थपूर्ण तरीक़े से महिला विकास के लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। महिला विकास की सफल यात्रा, काम - सम्मान- स्वाभिमान की राह पर ही तय की जा सकती है। वर्तमान में महिला विकास की जो सोच शासन व्यवस्था में कायम है। उसमे से काम और स्वाभिमान ग़ायब है। और चंद रूपया के जिस वितरण को सरकार सम्मान कहती है, वह वास्तव में महिलाओं को भरण पोषण के दायरे तक सीमित रखने के विचारधारा को आगे बढाने के बराबर है। यह महिलाओं का अपमान है और दीर्घकाल में उसे पिछड़ेपन के खाई में धकेलने की साजिश है।
चुनाव से पूर्व बगैर जांचे डाला सरकारी राशि, अब सरकार बोल रही छंटनी होगी, यह आपराधिक कृत्य, मुकदमा चले: सुदेश महतो
चुनाव से पहले 50 लाख महिलाओं को एक एक हज़ार रूपया की राशि दी गई। आज के अख़बार में आया है की अभी 38 लाख महिलाओं को ही दिया जायेगा। इसका मतलब है की बिना जांच पड़ताल के सरकारी खजाने से राशि बाटी गई। सरकारी खजाने के पैसे से वोट लेने के लिए 50 लाख महिलाओं के खाते में पैसे डाले गये। स्पष्ट है सरकार यह कह रही की ग़लत लोगो को पैसे गए। वोट के लिए सरकारी खजाने की लूट एक आपराधिक कृत्य है। इसकी जांच होनी चाहिए और दोषियों को सजा मिलनी चाहिए। इस मौके पर मुखिया रेखा देवी, शर्मिला कुमारी, पंसस नितु देवी, ज्योति कुमारी, आरती देवी, सविता देवी, अनीता देवी, उर्मिला देवी, देवी घासनी देवी, सोमरी देवी आदि उपस्थित थीं।
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